Book Title: Anekant 1948 03
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Jugalkishor Mukhtar

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Page 26
________________ ११२ १९ यशोधरचरित—दयासुन्दर कायस्थ (संभवतः पद्मनाम हों) । २० यशोधरचरित—देवेन्द्र (संभवत: पीछे उल्लिखित श्वे० रासका कर्ता हो ? ) २१ यशोधरचरित -सोमसेन अनेकान्त अपभ्रंश १ जसहरचरिउ – A पुष्पदंत शाके ८९४ (अपूर्ण प्रति हमारे संग्रह में उपलब्ध) B गंधर्व पूरित ३ प्रकरण । २ जसहरचरिउ - हरिषेण (अनुपलब्ध) । ३ जसहर चरिउ – श्रमर कीर्ति (अनुपलब्ध) | हिन्दी १ यशोधरचरित्र - गौरवदास सं० १५८१ फफौंद २ यशोधरचरित्र - गरीबदास सं० १६०० अजमेर ( प्रति हमारे संग्रह में है ) । ३ यशोधर चरित्र - खुशालचन्द्र काला सं० १७९१ सांगानेर | ४ यशोधरचरित्र - परिहानन्द ५ यशोधरचरित्र - भूरजी अग्रवाल । ६ यशोधर चरित्र - मनमोद अग्रवाल ७ यशोधरचरित्र - पन्नालाल चौधरी (२०वीं श०) Amrata नंदराम (१९०४ के लगभग) ९ यशोधरचरित्र वचनिका - लक्ष्मीदास | गुजराती १ यशोधररास - ब्र० जिनदास (सं० १५२० लगभग) २ यशोधररास– सोमकीर्ति (सं० १६००, पंचायती मन्दिर, देहली) । कन्नड १ यशोधर चरित्र - चन्दप्प [ चन्दन] वर्णी (श्लोक ३५००) । आधुनिक हिन्दी में वादिराज के चरित्रका हिन्दी सार उदयलाल काशलीवाल लिखित जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय, बम्बई से प्रकाशित होनेका उल्लेख पूर्व किया जाचुका है। माननीय प्रेमीजीकी सूचना - नुसार सहारनपुर के जैनीलालजीने भी यशोधरचरित्र ( भाषा) छपवाया था, सुर अब नहीं मिलता। दि० Jain Education International [ वर्ष ९ जैन पुस्तकालय सूरत से गुजराती में १९ पेजका १८ प्रकरणात्मक यशोधरचरित प्रकाशित है ।. श्वेताम्बर साहित्य— संस्कृत १ यशोधरचरित्र - देवसूरि [प्र० ३५० ] ( सम्भव है दि० श्रीदेवकी पंजिका हो) । यशोधरचरित्र - माणिक्यसूरि २ ३ ४ ५ यशोधर चरित्र - हेमकुंजर (सं० १६०७ पूर्व ) यशोधरचरित्र - पद्मसागर (उ. जैन सा. सं. इं.) यशोधरचरित्र - ज्ञानदास लोंका (सं० १६२३) ६ यशोधरचरित्र - क्षमाकल्याण (सं० १९३९ जैसलमेर ) गुजराती-राजस्थानी यशोधररास - (सं० १५७३) देवगिरि यशोधररास - ज्ञान (सम्भव है उपर्युक्त ज्ञानदास वाला ही हो) । ३ यशोधररास - मनोहरदास ( विजयगच्छ ) (सं० १८७६ श्रा० ० ६ दशपुर) ४ यशोधर रास - नयसुन्दर ११८ पो० व० १ १२ १ गु० ) । यशोधररास – जयनिधान (सं० १६४३ ) ५ ६ यशोधररास - देवेन्द्र (सं० १६३८). ७ यशोधररास - उदयरत्न (सं० १७६७ पो० शु० ५ पाटण) (माणिक्यसूरिके चरित्रके आधारपर ) यशोधररास - जिनहर्ष (सं० १७४७ वै० व०८ पाटण) 1 ८ ९ यशोधरराम - विमलकीर्ति (सं० १६६५ विजय दशमी अमृतसर) | अन्य ग्रन्थान्तर्गत समराइञ्चकहा - प्रा० हरिभद्रसूरि (८वीं) समराइच्च कहा-संक्षेप, प्रद्युम्नसूरि (सं० १३२४) समराइच्चकहा- क्षमाकल्याण, सुमति वर्द्धन उपदेशप्रासाद - विजयलक्ष्मीसूरि (१९वीं श० ) जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास में हरिभद्रसूरिजी स्वतन्त्र यशोधरचरित्रका भी उल्लेख है पर वह सम्भव कम ही है । -१ २ ३ ४ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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