Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company

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Page 685
________________ xxx ३६१ ओ इतिहास और परम्परा शब्दानुक्रम ६३१ ऐतिहासिक दृष्टिपात ४५१ कजंगला ३१, १३७, १८७, ३२४, ऐतिहासिक धारणा ५५, ६६, ७६, ८१, ३४८, ३५३ ६१ कण्टकवृत्तिक भिक्षुक ऐतिहासिक पद्धति ६६ कण्हकुमार ऐतिहासिक परम्परा ८४ कण्णकुज्ज ऐतिहासिक पुरुष १०८ कथा ऐतिहासिक प्रमाण १०६ कथा-प्रसंग ४४८ ऐतिहासिक संवत्सर ७६ कथा-वस्तु ऐन्द्रजालिक १६४, १७७ कथासरित्सागर १०० टि०, ३१७ टि० ऐन्द्र व्याकरण १३४ कथा-साहित्य ३१६, ३१८,४२० ऐरावण ४२४ कनकखल आश्रमपद ३४८ ऐरावण देव २०० कनकावली तप २२७ कनिष्क कनिष्ठता, बुद्ध की ४०२ कन्थक १२७, १४०, १४८, ओझा, महामहोपाध्याय रायबहादुर गौरीशंकर ७८ टि. कन्थक-निवर्तक-चत्य मोपसाद ३५३ कपिल ओबर मिलर ४५५ कपिल, आचार्य ओल्डनबर्ग ४५५ कपिल दर्शन १२० कपिलवस्तु ४३,४३ टि०, ११४ टि०, ११४, औ १२५, १३७, १३६, १४०, १७४, औत्पातिकी ३०६ २१२, २१४, २१५, २२४ टि०, औद्देशिक २७३ २२५ टि०, २२६ टि०, २२७ टि. औषपातिक प्रकरण २३४ टि०, ३२८, ३४४, ३५२ ३५३, औपपातिक सूत्र १२७ टि०, १७४ टि. ३७४, ३८८, ४७० २०१ टि०, २२७, २८८, कपिला ब्राह्मणी २७६, २८० २८८ टि०, २८६ टि०, २६० टि०, कपिशीर्ष ३४१ २९१ टि०, २६२ टि०, ३०६ टि०, कपूर, यदुनन्दन ११६ टि. ४५६ टि० कबन्धी कात्यायन कम्पिलपुर कम्बोज कम्मासदम्म (कुरु) कंखाखेत २२५ कयंगला नगरी देखें, कजंगला ककुत्था नदी ३४० कयली समागम ३४८ ककुद कात्यायन ४४२ करण ककुद्ध वृक्ष २०६ करीसभूमि ककुध २६२ करुणा ३७८ २६१ ३५३ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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