Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company

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Page 684
________________ ६३० उपासक श्रावक उपासक संघ उपासना उपासिका उपासिका-संघ २३६ टि०, २६० टि०, ३२४ टि०, ऋषभदत्त ३२५ ऋषभदेव २३२ ऋषि - गिरि २८० ऋषिपत्तन २७६ २११, २३२, ३६४ २८० ३७७ ७६, १३७, २६७, २७५, २७६, ३६८ ४६६ ३०७ टि० १७४ उपेक्षा सहगत चित्त उपोसथ उपोसथागार उप्पल उरुवेल उरुवेला उरुबेल काश्यप उल्लेख- प्रसंग उवयाली वाई सूत्र उशीरध्वज पर्वत ऊर्ध्वलोक ऋग्वेद ऋजुबालिका नदी आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन १५६, १७५, २०५ २०७, २३४ टि०, ३५२ १६१, १६१, २०६ २०७, २२६, २७५ ३५६, ३६८ प्र० २८७ २२१ टि०, २२८ टि०, २८३ टि०, २६० टि० १३७ ऊ Jain Education International 2010_05 E १२८ १७०, ३४६ २२०, २२१, २६३, २७८, ३३१ ऋद्धि ऋद्धिपाद २४८ टि०, २६८, ३६४ ऋद्धि प्रातिहार्य ऋद्धि-बल २५६, २६५, २७६, ३९७ ऋद्धिमान २२०, २२४, २५६, २७२, ३७६, ऋद्धिशालिनी ऋषि-प्रव्रज्या ऋषि मण्डल प्रकरण एक अहोरात्र प्रतिमा एककनिपात ३७४ ११४ टि० ११४, १७२, २०१, २०३, २१२, ३५२ ४३५ २८४ टिक एकराट् एक रात्रि प्रतिमा एक वस्त्र पहनने वाले ३७ ४१४ ४२३ २२६ २२७ ४१० ३६७ एतदग्ग वग्ग २२४, २२७, २३३, ३८१ टि०, ३२८ एनसाइक्लोपीडिया आफ बुद्धिज्म २६८ एषणीय २३७ एक शाटिका एकादशांगी एकावली तप एकाहारी एकेन्द्रिय प्राणी ऐक्ष्वाकुवंश ऐणेयक [खण्ड : १ ५३, १२८, १८३ प्र० ११६, १२० टि० एक शाटक (एक वस्त्रधारी ) निर्ग्रन्थ २२८ २२४ टि०, २३२ टि०, २३४ टि०, ४४७ टि० १०६ टि० ऐतिहासिक क्षेत्र ऐतिहासिक गवेषणा ऐतिहासिक घटना-प्रसंग ऐतिहासिक तथ्य For Private & Personal Use Only २२८ देखें, एक शाटक निर्ग्रन्थ ८७ टि० २२, २३ ६५ ४५० २६६ ५६, ६२, ६५, ६०, ३६३ ६३ टि० २२७ ऐतिहासिक दृष्टि ५४, ६१, ८६, ४५५ प्र० www.jainelibrary.org

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