Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company
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६३६
आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
.
ख . गयासीस
२६८ गया काश्यप
२०५, २०७ खट्टमेघ . . ३३१, टि०, गरहदिन्न और सिरिगुत्त ३६७ प्र० खण्डदेवी-पुत्र समुद्रदत्त २६७ गरुड़ ब्यूह
३०१ बन्धक संयुत्त ४१३ टि०, गर्दभाल परिव्राजक
१८७ खन्धदग्ग
४१३ गर्भ-हरण महावीर का १२५, १२५ टि० खाणुमत्त (मगध)
१२८ प्र०, १८३ खारवेल राजा ६७ टि०, ६८ टि०, गवापति
२४ खारवेल का राज्यारम्भ १८ टि०, गवेषणा
३०९ खुज्जुत्तरा २३४, ३१६ गव्यूत
३२८ खुतान १०४ गावुत
२५१ खुद्दक निकाय ३१४ टि०, गाइगर, डॉ०
६५ टि०, १०५ खेमा २२४, २२७, २७७, २८६
१०५ टि० खोह-लेख ८२ गिरि निगण्ठ
४४२ गिरिमेखल हाथी १६६, १६७, १६८ गिरिव्रज
८७, ६४ टि.
गिलगिट मांस्कृष्ट २८५ टि०, ३०८ टि. गंगा ४, ४८, २७६, ३००, ३०३, गिही-ओदातवसना
४१५ २०१, ३०५, ३३१ टि०, गुणचन्द्र, आचार्य
३४६ ३४८, ४४८ गुणभद्र गंगेय अनगार
१६३ गुणव्रत गंडकी नदी ३४८ गुणरत्न तप
३१४ गग्ग ३२१ गुणरत्नसंवत्सर-तप
२२६ गणधर ४१, ७३, ७७, १७८, १८३ गुणशिल उद्यान
२७७ १६०, १६६, २१६, २७० गुणशिल चैत्य
१८७ ३१३, ३२६ गुप्त गणधर पद
३२ गुप्त-संवत् गणधर वाद
१७८ टि०, गुप्त संवत्सर गणित शास्त्र
१२८, १८७ गुप्त साम्राज्य का इतिहास ८० टि०, ८१, गणिपिटक
२२८
___८२ टि०, ८८ टि. गतात्मा. ४०० गुप्ति
१७० गतिशील
२२६ गुरु चातुर्मासिक प्रायश्चित्त ४५२ गहमिल्ल ७६ टि०, ८१ टि०,
४६०, ४६७ गन्ध ४१०, ४१६ गुरु मासिक प्रायश्चित्त
४५६ गन्धार
४१० गूढ़दन्त गन्धारपुर
३४५ गृध्रकट पर्वत २६६, २७६, ३०३, गन्धोदक २६५
३७४, ४१२ गया ११८ टि०, ११४, ३५२ गृहपति
३११,३६६
२८७
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