Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

Previous | Next

Page 6
________________ श्री निशीथ सूत्रं :: उद्देशकः२7 [3] मासाभी परेण धरेद धरतं वा साइज्जन 1452046 // जे भिक्खू वत्थस्स एगं पडियाणियं देवदतं वा साइज्जइ.७६२॥०४॥जेक्षिक्ख बत्थस्स परं तिण्हं पडियाणियाणं देशतवा साइज,६७० ॥सू०४जे भिक्रयू अनिहीए बत्थं सिवइ सिब्बतंवा साइजइ.१४ ॥सू०४९॥ जेभिक्खूवत्थेएगं फालियगठियं करे३ करंतं वाभाइज्जइ.9000 सू०५०॥अभिनव वत्थ परं तिण्डं फालियगठियाणं करे करंतवा साइजास०५३जे भिक्खू वत्यएगंफालिथंगठेगतं वा साइज॥सू०५२॥ जेभिक्खू बन्धे पर तिण्डं फालि. याणं गंठे गंठंतं वा साइज३॥ सू०५३॥ जे भिक्खू वत्वं अत्रिहीए गंठे३ गंठंतं वा साइज्जइ.१०॥०५॥जे भिक्खू वत्थं अतआएणं गाहेगानं वा साइज 18055 // जे भिवू अइरेगाहियं बत्थं परं दिवढामी मासाओ धरेइधरंतवा साइजइ.७१) ५६॥जे भिक गिहधूम अन्नउत्विएणवा गारत्थिरण वा परि साडा परिसाडेतं वा साइजइ5९३।०५७॥ जे भिम्बू पूइकम्म मुंज भुजंतं वा साइजइ. सेवमाणे आवजइ मासियं परिंद्यारहाणं अणुऊधाइयं 04 // 2058 // पटमो उद्देशओ समत्तो॥१॥ // अथ द्वितीयोदेशकः // जेभिनव दारूगं पायछणगं करे३ करतं वा साइजर 18 // 201 // जे भिक्यू दारंदंडगं गिण्डइ गिव्हतं वा साइजासू०२॥ १भिक्खू पारुदंडगं धरेइ धरंतं वा साइज्जवसाअभिय् दारुदंडगं वियर३ विधरंतं वा साइज्ज॥०॥ अभिक्रयू वारुदंर्ग परिभाए३ परिभायत वा साइजइ॥०॥जे भिक्खू दारुदंडणं पार भुजाइ परिभुजंतं वा साइजइ.२१॥०६॥जेभिक्रवदारुरंश परं दिवढाओ मासाओ धरेइ धरंतवा साइजइरा ॥जे भिक्खू दारुदंडगं विसुयाव विसुथाउत वा साइअसू० जे भिक्षू अचित्तपइदियं गंधं जिम्घ जिग्छतं वासरिजइ . ३पासू०९।। जे भिक्खू पयमवा संकम वा अवलंबगंवा / सू) जे भिक्यू दावीणियं॥सू०११॥ सिक्कगं वा सिक्का गंतगंवा सू०१२॥ काsssssssss

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 294