Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09 Author(s): Jinendravijay Gani Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 8
________________ 22222222 श्री निशीथ सूत्र : उद्देशकः 2] [5] वा अणुपविसंतं वा निक्वमंतं वा साइञ३३०६ / / सू०४०।। जे भिक्खू बहिया विहारभूमिंबा पियार भूमिका निक्रवमय या पविसईवा निक्खमंतं वा पविसंतंवा साइजद'३१४' / / 049 // जे भिक्रयू गामाणुगामं दुइजइ दुइज्जतं वा साइज्जइ 32.2 ॥सू० ४२॥जे भिक्स्यू अन्नयर भीयणाय पडिग्गाहेत्ता सुटिभंसुमिं भुजइब्झि दुब्भिं परिश्वे३ परिदठवतं वा साइसइ॥७३॥ भिक्ख अन्नथरं पाणगजायं पडिज्गाहेत्ता पम्फगं पफगं भाइय३ आइयंतं वा साइज कसायं कसायं परिदम्वइ परिवंतं वा साइज 233' / / सू०४४॥जे भिक्खू मन्नं (अन्नया) भोयणजायं पडिगाहेता बह परियावन्नं सिया अदूरे तत्थ साह मिया संभोश्या समणुन्ना अपरिहारिया संता परिषसं ति ते अणापु छिता अनिमंतिय परिवइ परिवंतं वा साइज३३५८' पास्०५५॥जे भिकरबू सागास्थिपिंड गिह शिष्टतं वा साइजह // सू०४६॥जे भिवसागारियपिंड भूजइ भुजंतवासाइजई ४१५॥सू०४७॥जे भिक्खू सागारियं कुलं अआणिय अपुनिध्य अगसिय पूवामेव पिंडबायपडियाए अगुपविसइ अणु पविसंतंवा साइअ६४२०' / / सू०४८॥जे भिकरवू सागा रियनिस्साए असणंवा ओभासिथ आयइजायं तंवा साइज३.४२७॥ सू०४९॥जे भिक्रयू उडुबडियंवासेना संथारगं परं पज्जोसवणाओ उबाइणावह उबाथणावेंतवासाइइ.५५॥२०५०॥ जे भिकरवूवासावासियं सेआसंथारणं परं दसरायकथ्याओ उवाइणावेइ उवायणावेतं वा साइजई९४', / / सू०५॥जे भिकरवू उडुबद्धियं वा वासावासियं वा सेज्जासंथारगं उबरिसिजमाणं पहाए न ओसारेइन ओसारंवा साइज्जइ '500 / / सू०५२॥जे भिक्खू पाडिहा रियंसेज्जासंधारगं दोधयि अणुनवेत्ता बाहिंनीणे जीणंत वा साइज्जइ ॥स०५३।। जो मिक्रय सागारियसंतियं / / सू०५४॥ जे भिक्रय पाडिहारियं सागारियसंतियं वा '५3३'।स०५५॥ जे भिक्खू पाडिहारियं R EFERESPage Navigation
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