Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09 Author(s): Jinendravijay Gani Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 7
________________ HABARRRRRARY श्री आगम मुधा मि-यु: 0 नवमो विभागः जे भिक्खू सोसियं वा रज्यं वा (चिलिमिणिवा)करेइ करतं जा साइज॥०१३॥जे भिक्खू सूइए।०१४॥ पिप्यलगस्सा नहछयणगस्स। सू०१६॥ कण्णसोहणगस्स उत्तरकरणं सयमेवकोई करेंत वा साइज३१६॥ सू०१७॥जे भिक्खू लहुस्सगं फरुसं वयइ वयं वा साइज३७९॥२०१वाजे भिक्यू मुसं वय वयंत वा साइज'९०० 19 // जे भिक्यू अदत्तं आइयइ आइयत वा साइज३.९९ // 020 // जे भिक्खू लहुस्सएण सीओदगविथडेण . वा उसिणगवियडेण वा हत्याणि वा पायाणि वा कम्गाणिवा अच्छी किंवा दन्ताणि वा नहाणिवा मुहं वा उच्छोलेजबा पच्छोंलज्जवा उच्छोलंतं वा पछोलंनंवा साइजइ.९११।। म० २१)जे भिपरखू कसिणाईचम्मा धरेइ धरेंतं वा साइजर 152 // 022 / / कसिंणाई वत्थाई .899 // 023 // अभिन्भाइंबत्याई॥२०॥ भिक्खू लाउययार्थ वा दारु पायं वा महियापार्यवासयमेव परि घट्ट वा संठवेशवाजबेइजमाकेवा परिघहतं वाजधंदावा वतं)वा साइजइ१००।०२५॥ जे भिरवू दंडगंवा लडियं वा भवलेहगांवा वेणुसुइयं वा आवसाइजह॥०२६॥ जे भिक्खू निययगसियं पडिगृहगं धरेइधरेंतंवा साइजइ.१९॥सू०२७॥जे. भिक्खू पर गवसियं।सू०२८॥ वरनवेसिय। सू०२९॥ बलगवसियं 204 / 030 // लववसिय 210 स०३१॥जे भिक्खू नितियं भण पिंड भुजई मुजत वा साइज 21 / / सू०३२॥ पिंडं। सू०३३॥ अव ठं // 2034 // भागं / / 1035 // उवइट भागं॥सू०३६॥जे भिक्खू वास बसविसंतंवा साइज्ज३२३६॥ सू०३७॥जेभिर पुरेसंथवंवा पच्छासंधवंबा करे करतवा साइज्जइ.२६५।०३८॥ जे भिक्खू समाणे बा क्समाणे वा गामाणुगामं दूइज्जमाणे पुरेसंधुझ्याणिधा पच्छासंधुझ्याणि वा कुलाई पुवामेव पच्छा) वा भिक्याथरिथाए अणुपवितइअणु पवितंतंबा साइजइ-१९१| 039 // जे भिक्खू अन्नउत्थिएणना गारथिएणवा परिहारिओवा भपरिहारिश्य सर्दि गाहावश्कलं पिडवाथपडियाय अणुपविसवानिवमइ F FERSPage Navigation
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