Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
________________ श्री आगम मुथा सिन्धुः : नवमो विभागः सेआसंथारगं आयाए अपडिहटुटु संपवइ संपवयंतंवा साइज३५२३॥ सू०५६॥जे भिक्खू सागास्थिसंतियं सज्जासंधारणं आयाए अविणरणं (अधिकरणं कस्ट अणप्पिणितासंपन्वय संपवयंतं वा साइन्मइ 527 // सू०५७॥जे भिक्ख पाडिहारिय वा सागा स्थिसंनियंवा सज्जासंधारण विप्पणटुं न गवेसइ णणसंतं वा साइन्सइ.६०० // सू०५८।। जे भिक्रयू इत्तरियपि उवहिंन पडिलेहेनपडिले हतं वा साइज्जइ,तं सेवमाणे भावनइ मासिथं परिहारहाणं उघाइयं ।।स्०५९।। बिइ उद्देसभी समची // 2 // . ॥अथ तृतीयोद्देशकः॥ जे भिक्खू आणतारेस वा आरामागारेसुना गाहावइ. कुलेसु वा परियानसहेसुवा अन्नउत्थिय वा गारपियं वा असणं वा भी भास३ ओभासंतं वा साइज्ज॥ सू०१॥ जेभिक्खू जान अन्न उत्थिया वा गारथियावा असणं वा 4 ओभा सइ ओभासं. तंवा साइज्जइ॥सू०२॥ जे भिक्ख जाव अन्न उत्थिणिवा गा. रतियाणिवा जाव साइज्जइ। सू०३॥ जे भिक्खु आव अन्नउन्धिगीओ वा गारत्ओिवा जाव साइज 11 / / 04 // अभिकल्लू जान अन्नपत्थियं वा गारत्थियं वा कोहलपडियाए पडियागयं समाणं असणं वा 4 ओभासियरजाथ३ जायंत वा साइज्ज, एवं एतेणावि चत्तारि गमगा '20 // सू०५-८॥ जे भिक्खू जान अन्नथिएण वा गारस्थिएण वा असणं वार अभिहर्ड आह र विज्जमाणं पडिसेहेता तमेव अणुवत्तिय 2 परिवटिय 2 परिजनियर भोभासियर आयइ आयंतं वा साइजइ,एवं एतण चेव चत्तारि गमगा 27' / / सू०९-१२॥जे भर गाहावइ- . कूल पिण्डवायपडियाए पविठे परियाइक्विचे सभाणे दोछ / तमेव कुलं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइबर 13 / / 013 // जे भिक्खू संखडिपलीयणाए असणं वा परिगाहे पडिगाहंतं वा / साइनाइ "15" // सू०१५॥ जे भिम्रय गाधनहकुल पिण्डवायपठियाए REBERREFEREFERES
Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 294