Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 5
________________ [2] श्री आगम सुधा सिन्धुः नवमो विभागः कणसोहणगस्स उत्तरकरणं अन्नन्थिएणं वा गारथिएण वाका कारयंतंबा माइज३.६६५॥ स्०१८॥जे भिक्खू अण्ण हाए सूई॥९० '16 // पिघलगंास०२०॥ नहछया गंम०३१॥ कण्णसोहणगं आयइ जाययंतं वा साइजइ.६५॥ स्०२२॥ जे भिक्खु अविहीए सूईजाब जाथइ आयंतं वा साइज'६६० // सूक्स.२६॥जे भिक्यू अध्यणो पुशस्स अहाए सूई आवजाइता अन्नमन्नस्स अणुभ्य देश अणुध्यत वा साइजइ॥सू०२१-३०॥जे भिकरवू पडिहारियं सूईजाइत्ता 'वत्थं सिबिस्सामि ति पायं सिब्बइ सिवंतवा साइज। सू०३१।। जे भिक्षु पडिहारियं पिप्पलग जाश्ता वित्तं छिदिस्सामिचि पायं छिंद छिंदतं वा साइज॥०३२जे भिकरबू पडिहरियं नहछेयणणं आइत्ता 'नहं चिंदिस्सामिति सल्लदरणं करे करतं वा साइजइ // 033 // जे भिकाबू परिहारियं कण्णमोहणगं जाइत्ता 'कण्णमलं नीहरिस्सामिति दन्तमलवानहमलंबानीहरहनीहरंतंवा साइजइ६६२' // सू०३४॥ जे भिक्खू अविहीए सई जाव परिपाइपधयितंवा साइ-लडास ३५-३॥भिकरवू लाउपायंवा दारुयायं वा मट्टियापायं वा अन्नउत्थिएण वा गारथिएण वा परिघट्टावड़वा संम्वेवा जमावे३वा अलमप्पणी करणयाए सुठुमवि नो कप्पइ आयमाणे सरमाणे अन्नमन्नम्स वियर वियरतं वा साइज्ज३ 686 // 2039 // जे भिक्यू दण्डयंवा हिथंवा अवलेहणियं वा वेणुसूइयं वा अन्नउथिएण वागारस्थिए वा परिघट्टाइसोचेव मग्गिललओ गमओभणगंतब्बी जान पायं तडडेति साइजइ०स०४०॥ जेभिरच पायस्स एवं तुडियं तड्डेइ ततं वा साइज 3114 / / सू०४॥ जे भिक्यू पाथस्स परं तिण्हं तुहियाणं तइडे३ तइतं वा साइज्जइ१९। सू०४२॥ जे भिकर पायं अविहीए बंध३ बंधतंवा साइज३६ // सू०४३॥ जेभिक पायं एगेणं बंधणं बंधइबंधतं वा साइजाइ 731 / 044 // जे भिकरबू पायं परं तिण्डं बंधाणंबंधइबंधतं वा साइजइ 736 // २०४५॥जे भिक्रय भइरेगबंधणं पाय दिवड्डाओ RSESSESEREEEEE

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