Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03 of 01 Author(s): Jinendravijay Gani Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 9
________________ 258 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: प्रथमो विभागा वग्गणा। एगा एगपएसोगाढाणां पोग्गलाणां वग्गणा जाव एगा असंखेजपएसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा / एगा एगसमयठितियाणं पोग्गलाणं वग्गणा जाव असंखेजसमयठितियाणं पोग्गलाण वग्गणा / एगा एगगुणकालगायां पोग्गलाणं वग्गणा, जाव एगा असंखेज. एगा श्रणंतगुण. कालगाणां पोग्गलाणां वग्गणा / एवं वराणा गंधा रसा फासा भाणियव्वा जाव एगा अांतगुणलुक्खाणां पोग्गलाणां वग्गणा / एगा जहन्नपएसियाणां खंधाणं वग्गणा एगा उक्कस्सपएसियाणां खंधागां वग्गणा एगा अजहन्नुक्कस्सपएसियाणां खंधाणां वग्गणा एवं जहन्नोगाहणयाणं उकोसोगाहणगाणं अजहन्नुकोसोगाहणगाणं जहन्नलितियाणं उकस्सठितियाणं अजहन्तुक्कोसठितियाणं जहणगुणकालगाणं उकस्सगुणकालयाणं अजहन्नु. कस्सगुणकालगाणं एवं वरणगंधरसफासाणं वग्गणा भाणियव्वा, जाव एगा अजहन्नुक्कस्सगुणलुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा ॥सू. 51 // एगे जंबुद्दीवे 2 सव्वदीवसमुदाणं जाव श्रद्धंगुलगं च किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं ॥सू. 52 // एगे समणे भगवं महावीरे इमीसे श्रोसप्पिणीए चउव्वीसाए तित्थगराणं चरमतित्थयरे सिद्धे बुद्धे मुत्ते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे ॥सू० 53 // श्रणुत्तरोववाइयाणं देवाणं एगा रयणी उदंउच्चत्तेणं पन्नत्ता ॥सू० 54 // अदाणक्खत्ते एगतारे पन्नत्ते चित्ताणवखते एगतारे पं० सातीणक्खत्ते एगतारे पं० // 55 // एगपदेसोगादा. पोग्गला अणंता पन्नत्ता, एवमेगसमपठितिया एगगुणकालगा पोग्गला अणंता पन्नत्ता, जाव एगगु. णलुक्खा पोग्गला अर्णता पन्नत्ता // सू० 56 // एगहाणं समत्तं // 1 //Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 210