Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03 of 01
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 11
________________ 260 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः प्रथमो विभागा चक्खाणकिरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा--जीवथपञ्चवखाणकिरिया चेव श्रजीवअपञ्चक्खाणकिरिया चेव 12, दो किरियायो पन्नत्तायो तंजहाथारंभिया चे परिग्गहिया चेव 13, प्रारंभिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-जीवारंभिया चे श्रजीवारंभिया चेव 14, एवं परिगहि. यावि 15, दो किरियायो पनत्तायो तंजहा-मायावत्तिया चेव मिच्छादसणवत्तिया चेव 16, मायावत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-बायभाववंकणता चेव परभाववंकगता चैव 17, मिच्छादसणवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-ऊणाइरित्नमिच्छादसणवत्तिया चेव तव्वइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव 18, दो किरियायो पन्नत्तायो तंजहा -दिट्ठिया चेव पुट्टिया चेव, 11, दिट्टिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-जीवदिट्टिया चेव अजीवदिट्ठिया चेव 20, एवं पुट्ठियावि 21, दो किरियायो पन्नत्तायो तंजहा-पाडुचिया चेव सामंतोवणिवाइया चेव 22, पाडचिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-जीवपाडच्चिया चेव यजीवपाडुच्चिया चेव 23, एवं सामंतोवणिवाइयावि 24, दो किरियायो पन्नत्तायो तंजहा-साहस्थिया चेव णेसत्थिया चेव 25, साहत्थियाकिरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-जीवसाहत्थिया चेव अजीवसाहत्थिया चेव 26, एवं गोसत्थियावि 27, दो किरियायो पनत्तायो तंजहा-पाणवणिया चेव वेयारणिया चेव 28, जहेव णेसस्थि. यायो 21-30, दो किरियायो पन्नत्तायो तंजहा-यणाभोगवत्तिया चेव अणवकंखवत्तिया चेव 31, अणाभोगवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-श्रणाउत्तयाइयणता चेव अणाउत्तपमजणता चेव 32, अणवखवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-यायसरोरयणव खवत्तिया चेव परसरीरप्रणवकखवत्तिया चेव 33, दो किरियायो पन्नत्तायो तंजहापिजवत्तिया चेव दोसवत्तिया चेव 34, पेजवनिया किरिया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-मायावत्तिया चेव लोभवत्तिया चेव 35, दोसवत्तिया किरिया दुविहा

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