Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03 of 01 Author(s): Jinendravijay Gani Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 8
________________ श्रीमत्सूत्रकृताङ्गम् / " श्रुतस्कंधः 1 अध्ययनं 1 ] [ 257 बेइंदियागां वग्गणा एगा मिच्छद्दिट्ठियाणां बेइंदियागां वग्गणा, एवं तेइंदियाणांपि चरिदियाणवि / सेसा जहा नेरझ्या जाव एगा सम्ममिच्छद्दिट्टि. याणां वेमाणियाणां वग्गणा // एगा कराहपक्खियाणां वग्गणा, एगा सुक्कपक्खियाणां वग्गणा, एगा कराहपविखयागां गेरइयागां वग्गणा, एगा सुक्कपक्खियाणां णेरइयागां वग्गणा, एवं चउवीस(मा)दंडयो भाणियब्यो / एगा कराहलेसाणं वग्गणा एगा नीललेसाणं वग्गणा एवं जाव सुक्कलेसाणं वग्गणा, एगा कराहलेसाणं नेरझ्याणं वग्गणा जाव काउलेसागां गोरइयाणं वग्गणा, एवं जस्स जइ लेसायो, भवणवइयाणमंतरपुढवियाउवणस्सइकाइयाणां च चत्तारि लेसायो तेउवाउबेइंदियतिइंदियचउरिदियाणं तिन्नि लेसायो, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणां मणुस्साणं छल्लेसायो, जोतिसियाणं एगा तेऊलेसा, वेमाणियाणं तिन्नि उपरिम.लेसायो। एगा कराहलेसाणां भवसिद्धियाणं वग्गणा, एगा कराहलेसाणं अभवसिद्धियाणं वग्गणा एवं छसुवि लेसासु दो दो पयाणि भाणियव्वाणि / एगा कराहलेसागां भवसिद्धियाणां गोरइयागां वग्गणा एगा कराहलेसाणं श्रभवसिद्धि प्राणं गोरइयाणं वग्गणा एवं जस्स जत्ति लेसायो तस्स ततियायो भाणियव्यायो जाव वेमाणियागां। एगा कराहलेसाणां सम्मदिट्ठियाणां वग्गणा, एगा कराहलेसा मिच्छदिट्ठियाणां वग्गणा, एगा कराहलेसाणां सम्मामिच्छहिट्ठियाणां वग्गणा, एवं सुवि लेसासु जाव वेमाणियागां जेसि जदि दिट्ठीयो / एगा कराहलेसाणां कराहपविखयाणां वग्गणा, एगा कराहलेसागां सुकपविखयागां वग्गणा, जाव वेमाणियाणां जस्स जति लेसायो एए अट्ठ चवीसदंडया // एगा तित्थसिद्धाणं वग्गणा, एवं जाव एगा एक्क. सिद्धाणं वग्गणा एगा यणिकसिद्धाणं वग्गणा एगा पदमसमयसिद्धाणं (अपढमसमयसिद्धागां) वग्गणा एवं जाव यणंतसमयसिद्धाणं वग्गणा॥ एगा परमाणुपोग्गलाणं वग्गणा एवं जाव एगा अगांतपएसियागां खंधाणंPage Navigation
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