Book Title: Agam 39 Chhed 06 Mahanishith Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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| घडियामुहत्तपरिमाणमेव कंचि कालं भएज्जा वा, ता भो भो जणा! ण किंचि कर्ज एतेणं कारिमबंधुसंताणेणं अणंतसंसारधोरदुखपदायगेणंति, एगो चेव वाहनिसाणुसमयं सययं सुविसुद्धासए भयह धम्म, धम्म दणं मिटे पिए कंते परमत्थसुही | सयणजणमित्तबंधुपरिवग्गे, धम्मे य णं दिहिकरे धमे य णं पुहिकरे धम्भे य णं बलको धम्मे र णं उच्छाहकरे धम्मे र णं निम्मलजसकित्तीपसाहगे धम्म य णं माहप्पजणगे धमे य णं सुठुसोक्खपरंपरदायगे से णं सेव् से णं आराहणिजे से यणं पोसणिज्जे से यणं पालणिज्जे से यणं करणिज्जे से य णं चरणिज्जे से य णं अणुट्ठिजे से य णं उवइस्सणिज्जे से यणं कहणिजे से यण भणणिजे से यणं पन्नवणिज्जे से यणं कारवणिज्जे से यणं धुवे सासये अक्खए अव्वए सयलसोखनिही धम्मे से यणंअलजणिज्जे सेयणंअउलबलवीरिएसरियसत्तपरकमसंजुए पवरे वरे इडे पिए कंते दइए सयलऽसोक्खदारिदृसंतावुव्वेगअयसऽब्भक्खाणलभजरामरणाइअसेसभ्यनिन्नासगे अणण्णसरिसे सहाए तेलोकेमसामिसाले, ता अलं सुहीसयणजणमित्तबंधुगणघणधन्नसुवण्णहिरण्णरयणोहनिहीकोससंचयाइसक्कचावविजुलयाडोवचंचलाए सुमिणिंदजालसरिसाएखणदिट्ठनट्ठभंगुराए अधुवाए असासयाए संसारखुड्ढिकारिगाए णिश्या व्यारहेउभूयाए सोग्गइमागविग्धदायगाए अणंतदुक्खपयायगाए रिद्धीए, सुदुल्लहाउ वेलाउ भो धम्मस्स साहणी सभ्भदसणनाणचरित्ताराहणी नीरुत्ताइसामग्गी अणवस्यमहन्नि साणुसमएहिं णं खंडाखंडेहिं तु परिसडइ अदढधोरनिठुरासब्भचंडाजासणिसणिवायसंचुण्णिए सयजजरभंडएइव अकिंचिको भवइ 3 दियहाणुदियहेणं इमे तणू, ॥ श्री महानिशीथसूत्रा
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पू. सागरजी म. संशोधित
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