Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 4
________________ अणुओगदाराई नाव-पवं १. नाणं' पंचविहं पण्णत्तं, तं जहा- आभिणिबोहियनाणं सुयनाग' ओहिनाणं मण पज्जवनाणं केवलनाणं ॥ मावस्सय- अणमोग-पदं २. तत्थ चत्तारि नाणाई ठप्पाइं ठवणिज्जाइं-'नो उहिस्संति, नो समुद्दिस्संति" नो अणुण्णविज्जति, सुयनाणस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ॥ ३. जइ सुयनाणस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ, किं अंगपविट्ठस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ? अंगबाहिरस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ? अंगपविट्ठस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ, अंगबाहिरस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पक्त्तइ । इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च अंगबाहिरस्स उद्देसो समुईसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ।। ४. जइ अंगबाहिरस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ, किं कालियस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ? उक्कालियस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ? कालियस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ, उक्कालियस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ। इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च उक्का लियस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ।। ५. जइ उक्कालियस्स उद्दे सो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ, कि आवस्सयस उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ ? आवस्सयवतिरित्तस्स उद्देसो समुद्देसो १. गाणं (ग)। ४. अणंगपविट्ठस्स (ग, ५) तृतीयचतुर्थसूत्रयोः २. सुअणाणं (ग)। सर्वत्र । ३. णो उद्दिसिज्जति णो समुद्दिसिज्जंति (ख, ग, ५. आवस्सगरस (ग)। २६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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