Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti Ahmedabad

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Page 5
________________ २४ ३५३-३६४ ३६५-४२० ४२०-४४४ ६ २७ ४४५-४४८ चन्द्र सूर्य के योगद्वार का निरूपण नक्षत्रों के कुलद्वार का निरूपण मासपरिसमापकनक्षत्र का निरूपण सोलहद्वारों के विषयार्थ संग्रह चन्द्रसूर्यादि के ताराविमान उनका उच्चत्वादि का निरूपण नक्षत्रों की गति का निरूपण चन्द्रसूर्य के विमानवाहक देवों की संख्या का निरूपण ग्रहादि के शीघ्रगत्यादि का निरूपण चन्द्र के अग्रमहिपी के नामादि का निरूपण चन्द्रसूर्यादि के अल्पबहुत्व का निरूपण जम्बूद्वीप के आयामादि का निरूपण जम्बूद्वीप इसप्रकार के नामकहने के कारण का निरूपण ४४९-४६० ४६०-४६७ ४६७-४९६ ४९६-५०१ ५५२-५१८ ५१८-५३० ५३१-५४३ ५४३-५५४ समाप्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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