Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
View full book text
________________
माटो ४५३
RENEWHERE
識器諾諾諾諾諾器搬器器器
शंद्यनियमश्चद्रव्याद्यभिग्रहः तपश्चानथनादि गुणाश्चमूलगुणादयविनयश्चाभ्युत्थानादिभिरिति हन्दततएतेषादियघां योगानातथा तैर्भावयितव्यो भवत्यन्तरात्यति प्रकृतंभावनाचानानादीनासासेवामानापमाननिन्दनं दंगादिस्पर्शानांचोपेक्षेति कथमेभिर्भावयि तव्योन्तरात्म त्याहयथासेतस्यब्रह्मचारिणः स्थिततरकंभवतिब्रह्मचर्यमं चेत्यादिप्रवचनस्तवनं पूर्ववत्तस्म त्यादितस्यचतुर्थस्यव्रतस्य * मापञ्चभावनाभवन्ति अब्रह्मचर्यावरमणपरिरक्षणार्थतायैतत्वपढमंतिपंचाना प्रथमांभावनावस्तुस्त्रीसंसक्ताथयवर्जनलक्षणंतच्च वंशय *
चबभचरवेरमणपरिरक्षणद्वयाएपावयणंभगवयासुकहियं मेच्चाभाविकंागमेसिभहसुने ___ याउयंअकुडिलं अणुत्तरंसवटुक्खपावाणं विऊसमणंएयस्सदमापंचभावणा चउत्थवयस्सहुतिअवं। अणलाधेमान अपमान निंदाडासमसानो फरसअभिग्रहादिकतपत्ज्ञानादिक विनयआदिदेई जिमतेथिरकरणथाई ब्रह्मचर्यएपू * विकहिओ ब्रह्मचर्यवरमग बतराखवानेयर्थे श्रीसिहातभगवतेकडोकहियो भवनेयातरेशुभफलद्य आगामिककाले कल्याणया इंनिर्दोषन्यायमार्ग मरलमधानसर्वदुःखभनेपामनो उपशमावणहारतेआगलिकहीसे पांचभावनाचउथाबतनीहोदू अब्रह्मचर्यथी
भाषा

Page Navigation
1 ... 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527