Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 472
________________ प्र.टी० ४७४ तिरितोनर्थदण्ड:१२ हिसिष्यतीत्याद्यायित्यदण्डोइिंसादग्ट:३ पनभिसन्धे नदण्डो करमादण्डः मितादेरमितादिद्याविनागनंह टिविपर्यासितादण्ड: पायाददगाई पदत्तादानदए: अध्यात्मदाहः गोकाद्यभिभयइत्यर्य:- मानदण्डोजात्यादिमदार मित्रहेष दण्ड:मावादीनामल्पापराधेपि महादण्डनियत नलगा:१० मायादर११ लोभदण्डः१२ ऐर्यापथिक केवलयोगप्रत्ययः कर्मवन्धर ति१३ भयगामत्ति चतुर्दगभतग्रामाजीपसमजाः तवैकेन्द्रिया: सुषमार यादरावर हीन्द्रिया३ वीन्दिया चतुरिन्दिया५ पक्षेन्द्रि या संजिन:पसंजिनयति इतिसप्ततेप्रत्येसंपर्याप्त कापर्याप्त कभेदादिधेति चतुर्दगपरमाचम्मियत्ति पसदगपरमाधार्मिकानारकाणां दुःपोत्पादकाममरकुमारवियेपाः तेचामीरपंपरिसीचेपर सामेव३सपनेवियटकह५ उपमहाकालेशहाकालेति पायरेमसि पत्त धगार • कुभे यालय१२ चेयरगित्तिय१३ परग्मरे१४ महायोसे१५ एतेपग्यरसाहियत्तिगाचामोलसायत्ति गाथाषोडपति मा १४ पनरस्मपरमाधम्मिया १५ सोलसगाहासोलसाय १६ असंजम १७ अभ१८ णाय१९ अ. कारपब्रह्मचर्यजाताना अध्ययन वीम२. पभमाधिनास्थानक २१सपना परीसप२२ पापामयगडोगनामध्ययन २३तीर्थकर

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