Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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प्र०टी०
४५२
सूत्र
भाषा
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PART
खेदःमनःकरकडोभूतः यानिचलातियेति जखोमलविशेषः एवंमौनव्रतं च केशलोचयप्रतीतो चमाचकोषनिग्रहः दसश्च न्द्रियनिग्रहः अचेलकंचवस्वाभावः क्षुत्पिपासेच प्रतीतेलाघवं चाल्पोपधित्यं शीतोष्ण च प्रतीतेकाष्ठमय्याचफलकादिशयनं भूमिनिपज्जाच भूम्यासन तथापरग्टहप्रवेशेचशय्याभिवाद्यथै लब्धे चाभिमतायनादावपलब्ध चेपल्लब्धेवायोमानश्चाभिमान अपमानश्च दैन्यं निन्दनं कुत्समं दशकप तव नियमसौलनोगेहिं चिकालंकिंते श्रगहाण दंतधावण सेयमलनल्लधारणंमूणवयके सलो एयखमदमअचेलग खुप्पौवासलाघवसीतोसिण कसेज्जाभूमिसेनिसेज्न परघरपवेसलङ्घावलङ्घमा णावमाणनिंदण समसकफासनियम तव पुणविण्यमादिएहिं जहा सेथिरतरकंहोद् बंभचेरेंद्रमं
सर्वकालभाव्योवास्योचोदू अंतरात्माजीवएआगलिकहीस्यें तप १२ अभिग्रहादिक आचारजोगेकरी सदाकाल तेकहां स्नानकरेनही दांतणनकरे सुखधोवेनही प्रखेदपाथकटिनोमेलबीजोमदूलधरवो वोलेनहीसावद्यलोचनोकरिवो क्षमाकरेड ड्रोदमे यस्वरहितभूग्णत्रिप्पासहे अल्पउपधिनोराख्यो सीतउष्णकाष्टऊपरिस्ये भूमिद्वैसिवोपारकेष रेप सिवोच्च सनादिकने काला
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