Book Title: Agam 07 Uvasagdasao Angsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अझयणं-२ १३ जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी पुण्णभद्दे चेइए जियसत्तू राया (तत्य णं चंपाए नयरीए कामदेवे नामं गाहावई परिवसइ अड्ढे जाव बहुजणस्स अपरिभूए तस्स णं कामदेवस्स गाहावइस्स छ हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ छ हिरण्णकोडीओ वड्ढि उत्ताओ छ हिरणकोडीओ पवित्रपउत्ताओ छ व्वया दसगोसाहस्सिएणं चएणं होत्था से णं कामदेवे गाहावई बहूणं जाव आपुच्छणि पडिपुच्छणिजे सयस्स वि य णं कुटुंबास मेढी जाब सव्वकज्जबड्ढावए यावि होत्या तरसणं कामदेवरस गाहावइस्स भद्दा नामं भारिया होत्या- अहीण-पडिपुण्णपंचिंदियसरीरा जाब माणुस्सर कामभोए पञ्चणुभवमाणी विहरइ] तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव जेणेव चंपा नवरी जेणेव पुत्रभद्दे चेइए तेणे उवागच्छइ उयागच्छित्ता अहापडिरूवं ओम्हं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं मावेमाणे बिहरइ परिसा निग्गया कूणिए राया जहा तहा जियसत्तू निगच्छइ जाव पजुवासइ । तए णं से कामदेवे गाहावई इमीसे कहाए लद्धट्टे समाणे एवं खलु समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुच्चि चरमाणे गामाणुगामं दूइलमाणे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इहेव चंपए नयरीए बहिया पुण्णभद्दे चेइए अहापडिरूवे जाव विहरइ तं महफलं खलु भो देवापिया तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं नामगोयस्स वि सवणयाए किमंग पुण अभिगमणवंदण-नमंत्रण-पडिपुच्छणपज्जुवासणयाए एगस्स वि आरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवगयाए किमंग पुण विउल्लम्स अस्स गहणयाए तं गच्छामि णं देवाणुष्पिया समणं भगवं महावीरं ददामि नम॑सामि सक्कारेमि सम्माणेमि कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामि एवं संपेहेड संपेहता पहाए कयबलिकम्मे कव-कोउय-मंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई पवर परिहिए अप्पम - हग्धाभरणालंकियसरीरे सवाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ते सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं रिमाणं मणुस्वग्रापरिखित्ते पादविहारचारेणं चंपंनयरिं मज्झमज्झणं निग्गच्छइ निग्गछित्ता जेणामेव पुण्णभद्दे चेइए जेणेव सपणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुतो आयाहिण-पवाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नम॑सइ वंदित्ता नर्मसित्ता नञ्चाणे नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमसमाणे अभिमुळे विणएणं पंजलिउडे पजुवासर तए णं समणे भगवं महावीरे कामदेवस्स गाहावइस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए जाव धम्म परिकहेइ परिसा पगिया राया य गए तए णं कामदेवे गाहावई समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धपं सोद्या निम्मं तुङ- चित्तमाणंदिए पीइमणे परम सोमणस्सिए हरिसवस-विसप्पमाणहियए उट्ठाए उडेइ उत्ता समणं भगवं महावीरं एवं व्यासी सद्दहामि णं भंते निग्गंधं पावयणं पत्तियामि णं भंते निग्गंथं पावयणं रोएमि णं भंते निग्गंथं पावयणं अब्भुमि णं भंते निग्गंधं पावयणं एवमेयं भंते तहमेवं भंते अवितहमेयं भंते असंदिद्धमेयं भंते इच्छियमेयं भंते पइिच्छियमेयं भंते इच्छियपडिच्छियमेयं से जहेयं तुभे वदह जहा णं देवाणुप्पियाणं अंतिए बहवे राईसर- तलवर-माइंबिय कोडुविय इम- सेट्ठिसैणावइ- सत्थवाहप्पभिइया मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया नो खलु अहं तहा संचारामि मुंडे भविता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए अहं णं देवाणुष्प्रियाणं अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं सागवधम्मं पडिवज्जिस्सामि जाव अहासुहं देवाशुप्पिया मा पडिबंध करेहि तए णं से कामदेवे गाहावई समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सावयधम्मं पडिवञ्जइ तए णं समणे भगवं महावीरे अण्णदा कदाइ चंपाए नयरीए पुत्रभद्दाओं चेइयाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता बहिया जणावयविहारं विहरइ तए णं से कामदेवे For Private And Personal Use Only

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