Book Title: Agam 07 Uvasagdasao Angsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 63
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५८ उवासगदसाओ ८/५६ उदासगपडिमाओ सम्मं कारणं फासित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं शूसित्ता सढि मत्ताइं अणसाए छेदेता आलोइय-पडिककंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किचा सोहम्मे कप्पे अरुणवडेंसए विमाणे देवत्तए उववण्णो चत्तारि पलिओवमाई लिई पन्नता महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ बुझिहिइ मुचिहिइ सव्वदुक्याणमंतं काहिइ एवं खलु जंबू समणेणं भगदया महावीरेणं उवासगदसाणं अट्ठमस्स अज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते।५४-54 •असं अमायणं समत्तं. नवमं अज्झयणं-नंदिणीपिया (५७) [जइणं भंते समणेणं भावया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अंगस्स उवासग दसाणं अट्ठमस्स अज्झवणस्स अयमढे पन्नत्ते नवपस्स णं भंते अन्झयणस्स के अढे पत्रत्ते) एवं खलु जंदू तेणं कालंणं तेणं समएमं सायस्थी नयरी कोट्ठए चेइए जियसतू राया तत्थ णं सावत्थी नयरीए नंदिणीपिया नाम गाहावई परिवसइ-अड्ढे (जाव बहुजणस्स अपरिभूए तस्स णं नंदिणीपियस्स गाहावइस्स] चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ वढिपुत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ चत्तारि धया दसगोसाहस्सिएणं वएणं होत्था [से णं नंदिणीपिया गाहावई बहूणं जाव आपुच्छणिजे पडिपुच्छणिजे सयस्स वि य णं कुडूंबस्स मेढी जाव सव्वकन्नबढावए यावि होत्था तस्स णं नंदिणीपियस्स गाहायइस्स अस्सिणी नामं भारिया होत्था-अहीण-पडिपुत्र-पंचिंदियसरीरा जाव माणुस्सए काममोए पच्चणुभवमाणी विहरइ तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे परिसा निग्गया कूणिए राया जहा तहा जियसत्तू निगच्छइ जाव पजुवासाइ तए णं से नांदणीपिया गाहावई इमीसे कहाए लट्टे समाणे-एवं खलु सपणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुब्बि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इहेव साव- स्थीए नयरीए वहिया कोट्टए चेइए अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिहित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ तं महष्फलं खलु भो देवाणुप्पिया तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं नामगोयस्स वि सवणयाए किमंग पुण अभिगमण-बंदण-नमंसण-पडिपुच्छणपञवासणयाए एगस्स वि आरि- यस्स धम्मियस्स सुवपणस सवणयाए किमंग पुण विउलस्स अस्स गहणवाए तं गच्छामि णं देवाणुप्पिया समणं भगवं महावीर चंदामि नमसामि सक्कारेमि सम्बाणेमिकल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पञ्जवासामि एवं संपेहेइ संपेहेत्ता प्रहाए कयवलिकम्मे कय-कोउय-संगल-पायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाइ पवर परिहिए अपमहग्धाभरणालंकियसरीरे सयाओ गिहाओ पडिणि- खमइ पडिणिक्खमिता सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं मणुस्सवगुरापरिखित्ते पादविहारचारेणं सावत्यिं नयरिं मझमझेणं निग्गछइ निगच्छित्ता जेणामेव कोट्ठए चेइए जेणेव सपणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्तासमणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता नच्चासपणेनाइदूरे सुस्ससमाणे नमसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पञ्जुवासइ तए णं सपणे भगवं महावीरे नंदिणीपियस्स माहावइस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए जाव धर्म परिकहेइ परिसा पडिगया राया य गए तए णं से नंदिणीपिया गाहावई समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म निसम्म हडतह-चित्तमाणदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवस-विसप्पमाणहियए उट्ठाए उडेइ उद्देत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण For Private And Personal Use Only


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