Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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ज्ञाताधर्मकथा
तए णं ताओ अंगपडियारियाओ अभिंतरियाओ दासचेडियाओ धारिणीए देवीए अणाढाइज्जमाणीओ अपरियाणमाणीओ तहेव संभंताओ समाणीओ धारिणीए देवीए अंतियाओ पडिणिक्खमंति, पडिणिक्खमित्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं जाव कट्ट जएणं विजएणं वद्धावेंति, वद्धावेत्ता एवं वयासीएवं खलु सामी! किं पि अज्ज धारिणी देवी ओलुग्गसरीरा जाव अट्टज्माणोवगया झियायइ। तए णं से सेणिए राया तासिं अंगपडियारियाणं अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म तहेव संभंते समाणे सिग्घं तुरियं चवलं वेइयं जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता धारिणिं देविं ओलुग्गं ओलुग्गसरीरं जाव अट्टज्झाणोवगयं झियायमाणिं पासइ, पासित्ता एवं वयासी- किं णं तुमे देवाणुप्पियए ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव अदृज्झाणोवगया झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणी णो आढाइ जाव तुसिणीया संचिट्ठइ। तए णं से सेणिए राया धारिणिं देविं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी- किं णं तुमे देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा जाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा दोच्चं पि तच्चं पि एवं वुत्ता समाणी णो आढाति, णो परिजाणाइ, तुसिणिया संचिट्ठइ । तए णं सेणिए राया धारिणिं देविं सवहसावियं करेइ, करित्ता एवं वयासी- किं णं तुम देवाणुप्पिए ! अहमेयस्स अट्ठस्स अणरिहे सवणयाए ? ता णं तुमं ममं अयमेयारूवं मणोमाणसियं दुक्खं रहस्सीकरेसि ? तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रण्णा सवहसाविया समाणी सेणियं रायं एवं वयासी- एवं खलु सामी ! मम तस्स उरालस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे अकालमेहेसु दोहले पाउब्भूए-धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयत्थाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव वेभारगिरिपायमूलं आहिंडमाणीओ डोहलं विणियंति । तं जड़ णं अहमवि जाव डोहलं विणिज्जामि। तए णं अहं सामी! अयमेयारूवंसि अकाल-दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि ओलुग्गा जाव अज्झाणोवगया झियायामि | एएणं कारणेणं अहं सामी! ओलग्गा जाव अट्टज्झाणोवगया झियायामि ।
तए णं से सेणिए राया धारिणीए देवीए अंतिए एयमहूँ सोच्चा णिसम्म धारिणिं देवि एवं वयासी- मा णं तुमं देवाणुप्पिए! ओलुग्गा जाव झियाहि, अहं णं तहा करिस्सामि जहा णं तुब्भं अयमेयारूवस्स अकालदोहलस्स मणोरहसंपत्ति भविस्सइ त्ति कट्ट धारिणिं देविं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं वग्गूहि समासासेइ, समासासित्ता जेणेव
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