Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ ज्ञाताधर्मकथा उत्तरिज्जाओ । सव्वोउय-सुरभिकुसुम-पवरमल्लसोभितसिराओ, कालागुरु धूव धूवियाओ, सिरि-समाणवेसाओ । सेयणय-गंधहत्थिरयणं दुरूढाओ समाणीओ, सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चंदप्पभ वइर वेरुलिय-विमलदंड-संख-कुंद-दगरय-अमयमहिय-फेणपुंजसण्णिगास-चउचामरवालवीजियंगीओ सेणिएणं रण्णा सद्धि हत्थिखंधवरगएणं पिटुओ णगच्छमाणीओ चउरंगिणीए सेणाए महया हयाणीएणं गयाणीएणं रहाणीएणं, पायत्ताणीएणं सव्विड्ढीए सव्वज्जईए जाव णिग्घोस-णाइयरवेणं रायगिहं सिंघाडग तिय चउक्क चच्चर-चउम्मह महापहपहेसु आसित्त- सित्त-सुइय-संमज्जिओवलित्तं जाव सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं अवलोएमाणीओ णागरजणेणं अभिणंदिज्जमाणीओ गुच्छ-लया-रुक्ख-गुम्म-वल्लिगुच्छोच्छाइयं सुरम्मं वेभारगिरि-कडग-पायमूलं सव्वओ समंता आहिँडेमाणीओ आहिंडेमाणीओ दोहलं विणियंति। तं जड़ णं अहमवि मेहेसु अब्भुग्गएसु जाव दोहलं विणिज्जामि । तए णं सा धारिणी देवी तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि असंपण्णदोहला असंपुण्णदोहला असम्माणियदोहला सुक्का भुक्खा णिम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा पमइलदुब्बला किलंता ओमंथियवयण-णयणकमला पंडुइयमुही करयलमलियव्व चंपगमाला णित्तेया दीणविवण्णवयणा जहोचियपुप्फ-गंध-मल्लालंकार-हारं अणभिलसमाणी कीडारमण-किरियं च परिहावेमाणी दीणा दुम्मणा णिराणंदा भूमिगयदिट्ठीया ओहयमणसंकप्पा करयलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया झियायइ। तए णं तीसे धारिणीए देवीए अंगपडियारियाओ अभिंतरियाओ दासचेडीयाओ धारिणिं देविं ओलुग्गं जाव झियायमाणिं पासंति, पासित्ता एवं वयासी- किं णं तुमे देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी ताहिं अंगपडियारियाहिं अभिंतरियाहिं दासचेडियाहिं एवं वृत्ता समाणी ताओ दासचेडियाओ णो आढाइ, णो य परियाणइ, अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया संचिट्ठइ । तए णं ताओ अंगपडियारियाओ अभिंतरियाओ दासचेडियाओ धारिणिं देविं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी-किं णं तुमे देवाणुप्पिये ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि ? तए णं धारिणी देवी ताहिं अंगपडियारियाहिं अभिंतरियाहिं दासचेडियाहिं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वत्ता समाणी णो आढाइ, णो परियाणाइ, अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया संचिट्ठइ । 10

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 220