Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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३२ दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा- सुहुमा चेव, बायरा चेव । एवं जाव वणस्सइकाइया । दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा- पज्जत्तगा चेव, अपज्जत्तगा चेव । एवं व
वणस्सकाइया ।
दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा- परिणया चेव, अपरिणया चेव । एवं जाव वणस्सकाइया।
३९
सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे
सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे
४०
ठाणांग सुत्तं
तं
जहा- पढमसमय
अपढम समयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव । अहवाचरिमसमयस- जोगिकेवलि खीणकसायवीयराग- संजमे चेव, अचरिमसमयस- जोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव । अजोगि- केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा- पढमसमयअजोगि-केवलिखीणकसाय-वीयरागसंजमे चेव, अपढमसमय अजोगिकेवलिखीणकसाय - वीयरागसंजमे
चेव
चरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयराग
अचरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव ।
दुविहे, पण्णत्ते,
चेव,
संजमे
I
अहवा
चेव,
दुविहा दव्वा पण्णत्ता, तं जहा- परिणया चेव, अपरिणया चेव ।
दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा- गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमा- वण्णगा चेव जाव दुविहा वणस्सइकाइया पण्णत्ता, तं जहा- गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्गा चेव ।
दुविहा दव्वा पण्णत्ता, तं जहा- गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्णगा चेव ।
दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा- अणंतरोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव व वणस्सइकाइया पण्णत्ता, तं जहा- अणंतरोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव ।
दुविहा दव्वा पण्णत्ता, तं जहा - अणंतरोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव ।
दुविहे काले पण्णत्ते, तं जहा- ओसप्पिणीकाले चेव, उस्सप्पिणीकाले चेव ।
दुविहे आगासे पण्णत्ते, तं जहा- लोगागासे चेव, अलोगागासे चेव ।
णेरइयाणं दो सरीरगा पण्णत्ता, तं जहा- अब्भंतरए चेव, बाहिरए चेव । अब्भंतरए कम्मए, बाहिरए वेउव्विए । देवाणं वि एवं चेव भाणियव्वं ।
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पुढविकाइयाणं दो सरीरगा पण्णत्ता, तं जहा- अब्भंतरए चेव, बाहिरए चेव । अब्भंतरगे कम्मए, बाहिरए ओरालिए एवं जाव वणस्सइकाइयाणं ।
बेइंदियाणं दो सरीरा पण्णत्ता, तं जहा- अब्भंतरए चेव, बाहिरए चेव । अब्भंतरए कम्मए, अट्ठिमंससोणियबद्धे बाहिरए ओरालिए । एवं जाव चउरिंदियाणं ।
पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं दो सरीरगा पण्णत्ता, तं जहा- अब्भंतरए चेव बाहिरए चेव । अब्भंतरए कम्मए, अट्ठिमंससोणियण्हारुछिराबद्धे बाहिरए ओरालिए । मणुस्साण वि एवं चेव ।
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