Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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ठाणांग सुत्तं
अहवा चउव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तं जहा- चक्खुदंसणी, अचक्खुदंसणी, ओहिदंसणी, केवलदंसणी । अहवा चउव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तं जहा- संजया, असंजया, संजया- संजया, णोसंजया णोअसंजया ।
चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- मित्ते णाममेगे मित्ते, मित्ते णाममेगे अमित्ते, अमित्ते णाममेगे मित्ते, अमित्ते णाममेगे अमित्ते ।
चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- मित्ते णाममेगे मित्तरूवे, चउभंगो । १०२ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- मुत्ते णाममेगे मुत्ते, मुत्ते णाममेगे अमुत्ते, अमुत्ते
णाममेगे मुत्ते, अमुत्ते णाममेगे अमुत्ते । १०३ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- मुत्ते णाममेगे मुत्तरूवे, चउभंगो । १०४ पंचिंदियतिरिक्खजोणिया चउगइया चउआगइया पण्णत्ता, तं जहा- पंचिंदिय तिरिक्खजोणिए
पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणे णेरइएहिंतो वा, तिरिक्ख-जोणिएहिंतो वा, मणुस्सेहितो वा, देवेहिंतो वा उववज्जेज्जा । से चेव णं से पंचिंदियतिरिक्खजोणिए पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्तं विप्पजह- माणे णेरइयत्ताए वा, तिरिक्खजोणियत्ताए वा, मणुस्सत्ताए वा, देवत्ताए वा गच्छेज्जा। एवं चेव मणुस्सावि चउगइया चउआगइया ।
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बेइंदिया णं जीवा असमारंभमाणस्स चउव्विहे संजमे कज्जइ, तं जहा- जिब्भामयाओ सोक्खाओ अववरोवित्ता भवइ, जिब्भामएणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवइ, फासमयाओ सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवइ, फासमएणं दुक्खेणं असंजोगित्ता भवइ । बेइंदिया णं जीवा समारभमाणस्स चउव्विहे असंजमे कज्जइ, तं जहा- जिब्भामयाओ सोक्खाओ ववरोवित्ता भवइ, जिब्भामएणं दुक्खेणं संजोगित्ता भवइ, फासमयाओ सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवइ, फासमएणं दुक्खेणं संजोगित्ता भवइ । सम्मद्दिट्ठियाणं णेरइयाणं चत्तारि किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- आरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपच्चक्खाणकिरिया । एवं विगलिंदियवज्जं जाव वेमाणियाणं चत्तारि किरियाओ पण्णत्ताओ । चउहिं ठाणेहिंध संते गुणे णासेज्जा, तं जहा- कोहेणं, पडिणिवेसेणं, अकयण्णुयाए, मिच्छत्ताभिणिवेसेणं । चउहि ठाणेहिं असंते गुणे दीवेज्जा, तं जहा- अब्भासवत्तियं, परच्छंदा-णुवत्तियं, कज्जेहेळं, कयपडिकइयेइ वा।
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