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समर्पण
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-: सम्पादक :
जिनके वाणी, विचार और व्यवहार में अध्यात्म योग के सार्वभौम सिद्धान्त साकार हुए उन जैनागम रत्नाकर आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज की 50वीं पुण्यतिथि एवं अध्यात्म के अमर उद्गाता श्रुताचार्य पूज्य प्रवर्तक गुरुदेव श्री अमर मुनि जी महाराज की हीरक जन्म जयन्ती के पावन प्रसंग पर
-: प्रस्तोता :आराध्यद्वय के अमृत-निष्ठ पाणि पल्लवों में अनन्त आस्थाओं के साथ सादर समर्पित! त्वदीयं वस्तु तुभ्यमेव समर्पये!
(C- वरुण मुनि ‘अमर शिष्य'