Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 03
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 137
________________ अकारादि अनुक्रमणिका reacti83603 33333338 38888 388058 3 بیا بیا بیا 205 بیا 33 342 بیا 388 بیا 388 بیا 400 بیا 556 بیا 557 بیا بیا 608 دا 43. 70. 100. 104. 107. 109. 121. 123. 126. 136. 153. 156. 157. 189. سا 612 अ अव्वत्तेण दुहेण पाणिणो 3. 2 अण्णाणपमाद दोसेणं । अमणुण्ण समुप्पादं दुक्खमेव वियाणिया । अट्टे से बहु दुक्खे इति बाले पकुव्वति । 3 342 अबलेण वहं गच्छंति सरीरेण पभंगुरेण । असिणेह सिणेह करेहिं । अधुवे असासयम्मी ।। अणथोवं वणथोवं । अन्नाणी किं काही ? किं वा नाहिइ । अकम्मुणा कम्म खति धीरा । अलमप्पणो होति अलं परेसिं । 558 अस्सि च लोए अदुवा परत्था । अण्णातपिंडेणऽधियासएज्जा । 612 अभयंकरे भिक्खू अणाविलप्पा । अविहम्ममाणे फलगावतट्ठी। 613 अप्पणा सच्चमेसिज्जा । अप्पमत्तो परिव्वए। अदीण मणसो चरे। 755 अत्थेण य वंजिज्जइ। 767 अभ्युत्थानं तदालोके । अस्थि एगं धुवं ठाणं । 965 अलाभोत्ति न सोएज्जा । 3 971 अदीणो वित्ति मेसेज्जा । 3 981 अदेंतस्स न कुप्पेज्जा अकप्पियं न गेण्हेज्जा । असंजमे नियत्ति च। 1128 अगुणिस्स नत्थि मोक्खो। 1128 अच्छंदा जे न भुंजंति । अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-3 . 129 بیا بیا 750 بیا 752 بیا بیا بیا 943 211. با 218. 223. 224. 981 989 235. 262. 263. 272. با با با با با با با | 1167

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