Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 03
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 143
________________ सूक्ति म यसमा अभिधान राजेन्द्र कोष FRESHABADMASTER नम्बर सूक्ति का अंश भाग पृष्ठमा 133. थोवं लद्धं न खिसए । بیا 739 230. दवदवस्स न गच्छेज्जा। بیا 983 287. दारिद्द समो पराभवो (परिभवो) नत्थि । بیا 1359 36. بیا 342 بیا 389 दुःखं स्त्री कुक्षि मध्ये प्रथमिहभवे । दुपरिच्चया इमे कामा । दुप्पूरए इमे आया। दुक्खेण पुढे धुयमातिएज्जा । दुःखितेषु दयाऽत्यन्त । بیا 44. 52. 124. 174. 391 بیا 613 بیا 899 दो 178. بیا दोसा जेण निरंभ, ति जेण । ध धम्मं च पेसलं नच्चा। धम्मो दीवो। بیا 56. 212. 392 965 بیا 280. धूम हीणो जहा अग्गीं। بیا 1184 بیا بیا بیا بیا 751 بیا - 14. 49. 140. 141. 162. 170. 222. 226. 228. 264. न मे चिरं दुक्खमिणं भविस्सई । 136 न हु पाणवहं अणुजाणे 390 न हणे पाणिणो पाणे । 751 न चित्ता तायए भासा । नक्खेणावि हुं छिज्जइ। 807 न य मूल विभिन्नए थडे । 859 न विसीएज्ज पंडिए । 981 न चरेज्जवासे वासंते । न चरेज्ज वेस सामंते । नत्थि अमुक्कस्स निव्वाणं । 3 1128 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-3 . 135 بیا بیا بیا 982 بیا 982


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