Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 03
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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नम्बर
HTTAअभियान राजेन्द्र कोष सूक्ति का अंश भाग पृष्ठ
بیا
551
93. 97.
किया विरहितं हन्त ! क्रियैव फलदा पुंसां ।
بیا
554
بیا
715
132. 289.
खमावणायाए णं पल्हायण भावं जणयइ। खुहा (छुआ) समा वेयणा नत्थि ।
بیا
1359
129.
खंतीएणं परीसहे जिणइ।।
بیا
692
بیا
497
81. - गरहा संजमे, नो अगरहा संजमे । 115. गन्माई मिज्जति बुयाऽबुयाणा ।
با
610
176. गीअत्थस्स वयणेणं, विसं हलाहलं पिबे।
3
902
552.
185.
936
94. गुणवृद्धयै ततः कुयत् िक्रियामस्खलनाय वा। 3
गुरखो यत्र पूज्यन्ते । गुरु आणभंगम्मि सव्वे । गुरुमूले वि वसंता।
3 192. गुरु सक्खिओ हु धम्मो ।
____ 3
190.
بیا بیا
191.
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944 944 945
116.
610 849
165.
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179.
चयंति ते आउक्खए पलीणा । चउवीसत्थएणं दंसणविसोहि जणयइ । चउहि ठाणेहिं संते गुणे नासेज्जा । चत्तारि परमंगाणि । चक्खिदिय दुईत । चरित्त संपन्नयाएणं सेलेसी भावं जणयइ।
241.
506 31051-1052
1106
258.
270.
3
1150
चि
75. 186.
चित्तस्सेगग्गया हवइ झाणं ।
3 - 407 चितण्णु अनुकूलो, सीसो सम्मं सुयं लहइ। 3 936 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-3 . 132 ..
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