Book Title: Aagam 02 SOOTRAKUT Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ श्री सूत्रकृताङ्गसूत्रम् नमो नमो निम्मलदसणस्स 'पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । । “सूत्रकृत्" मूलं एवं वृत्ति : । [मूलं + भद्रबाहुस्वामी कृत् नियुक्ति; + शिलांकाचार्य रचित वृत्तिः] [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. 1। (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) ' पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (w.com., M.Ed., Ph.D.) | 04/07/2014, शुक्रवार, २०७० अषाढ़ शुक्ल ७ jain e library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[०२], अंग सूत्र-[०२] “सुत्रकृत्” मूलं एवं शिलांकाचार्य-कृत् वृत्तिः ।

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