Book Title: Yugadi Vandana
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Buddhisagarsuri Jain Gyanmandir

View full book text
Previous | Next

Page 122
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११४ युगादिचन्दना सरस्वती कण्डविभूषणा स सरस्वतीयन्मनसां नतानाम् । सरस्वतीनां गिरमेतदा सरस्वतीव्यकिरणाम्भसा यत् ॥२२।। सरस्वतीद्वीपसमीपवर्ति सरस्वती वारिधिपारनर्त्ति । सरस्वतीर्यश्वरणं यशः सा सरस्वती भूतसुराय॑तेऽदः ॥२३॥ सरस्वतीनं भवमत्रमासीं सरस्वतीर्थे जलधाविव स्वम् । सरस्वती यां तव नेतरेषा सरस्वती मां ब्रुवतीव मूर्तिः ॥२४॥ सरस्वतीपत्तनकिोशे: सरस्वतीबन्धूसमानमूर्तेः । सरस्वतीभ्रातृजसद्गुरोर्गीः सरस्वतीत्य मयाऽघ्रिभाजा ॥२५|| सरस्वतीति प्रकृतेर्भयो यः सरस्वतीति त्वदुवेदिशब्दः । सरस्वतीवर्णमुदित्यपुष्पसरस्वतीरः प्रणुतः स्तुतोऽर्हन ॥२६॥ ( शार्दूलविक्रीडितम् ] भूनाभिक्षितिभृत्सनाभिमहिमश्री नाभिभूपान्वय, श्रीमन्मौक्तिकरत्नशेखर शिवश्रीनामवामध्रुवः । इत्थं नाथ मया विनीतमनसा नीतो नुतिं देहि चि लक्ष्भीसागरसोमदेवमहितां चारित्ररत्नश्रियम् ॥२७!! For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149