Book Title: Yogshastra
Author(s): Hemchandracharya, Kesharsuri
Publisher: Balchand Sakarchand Shah

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Page 5
________________ समर्पण-पत्रिका. पूज्यपाद्, अनेक सद्गुणसंपन्न, गुरुवर्य श्रीमान् आचार्य महाराज श्रीविजयकमलसूरीश्वरजी मराराज. आपश्री पासे दीक्षा लई आपश्रीना आश्रय तले रही विद्याभ्यास कर्यो, योग जेवा गहन विषयमां पण प्रवेश करवा इच्छा थई. तेमज आपश्रीनी शान्त मुद्रा तथा सहनशीलतानी उत्तम छाप मारा पर पडी, अने तेवा गुणोतुं अनुकरण करवा मारी मनोवृत्तिओ ललचाइ, इत्यादि अनेक उपकारोथो आभारित थयेलो आ शिष्य 'योगशास्त्र' नुं भाषांतर आपश्रीने सविनय समर्पण करे छे ते स्वीकारशीजी. द. शिष्याणुमुनि केशरविजय. இருக்கைக்கு குற்ற்ற்ற்ற்ற்ற்ற்ற்ற்ற்ற்ற் நாக்கு

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