Book Title: Vitrag Vani
Author(s): Kanjiswami
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
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| शास्त्र: श्री समयसार
CD No : 5B
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प्रवचन
श्लोक
गाथा नं
तारीख
वार तिथि
नोंध
अन्य
| बेटरी
505
506
508
|
38
| 511
शकित
शकित 33 | 07 | 09 | 77 | बुध श्राव १६ १०
शकित | 34 - 35 | 08/09177 १३ श्रावस १६ ११ 507 शकित 35 - 36 || 09 109 1 77 शु. श्री १६ ११
शकित
| 36 | 10/09177 शनि श्री १२ 509 शकित
37 | 11/09177 | २२ श्राप १६ १३ | 510 शकित
12 | 09 | 77 सोम श्रीव १६ १४ शकित | 39-40 | 13 | 09177 | भंग श्रावय १६ १५ 512
____41 | 14 | 09 177 g ला सुह १ 513 शकित
15 | 09 177 j३ मा सु २ 10 | 513 A शकित | 41-42 | 16 | 09 177 ला सुह४
| 514 शकित ___42 | 17 | 09 177 शनि २ सु ५ | 12 515 शकित
18/09177 |२वि ला सुह 13/516 शकित
19 | 09 177 सोभ ला सुह ७ 14 | 517 शकित
20/09/77 | भंगणार ८ 518 शकित
21/09177 |बुध ॥४२॥ सु६८ | 16519 कलश टीका | 264 22 | 09 | 77 |J३ २॥ सु १०
520 कलश टीका | 264 - 265 23/09177 शु मार सुह ११ 18 | 521 | कलश टीका | 266 - 267 | 24 | 09 | 77 शनि २ सुह १२ | 19 | 522 | कलश टीका | 267 25 | 09 177 |२वि ला सुह १३

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