Book Title: Vitrag Vani
Author(s): Kanjiswami
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 253
________________ | शास्त्र : श्री समयसार कलशटीका CD No: 17A 4. प्रवचन गाथा नं श्लोक तारीख | वार तिथि नोंध अन्य बेटरी |1| 81 45 Min 85 69 | 30108177 भंगम श्री __70 | 31/08177 बुध श्राप 70-77 | 01/09 177 |J३ श्राप 78 - 80 | 02/09177 |शु श्रीव 81-84 | 03/09177 |शनि श्राव 84 - 87 | 04/09 177 |२वि श्री 88 -90 | 06/09177 | भंगणश्राव 90 - 91 | 07 | 09 177 |७५ 91 - 92 | 08/09 177 |J३ श्राप १२ १६ 3 १४ १६५ १६ | १६७ ८ १६ १०/ १६ ११ 86 87 89 90 92 | 09/09177 | श्रावन 92-94 | 10/09/77 |शनि श्राप १६ १२ | १६ १३ | 91 92 94-96 | 11/09177 |२वि श्रीव ६१३] * | 45 Min 93 97 | 12 | 09/77 सोम श्रावण १६ १४ 14 94 98-99 13/09177 भंगण श्री १६ १५ 15 95 100 96 100 | 15109177 | ३ ॥४२॥ सुह २ 16 | 09 177 |s cuban ९६४ 17109177 शनिबार १५ | 18 | 09 | 77 |२वि ६२सुE 97 101 उत्तम क्षमा धर्म उत्तम मार्दव धर्म 98 102 55 99 102 - 104 | 19 | 09 177 सोम माह सुझ७ 20/ 100 104 - 105 | 20/09177 भंगगल सु८ 21 | 101 22| 102 उत्तम आर्जव धर्म उत्तम शौच धर्म उत्तम सत्य धर्म उत्तम संयम धर्म उत्तम तप धर्म उत्तम त्याग धर्म उत्तम आकिंचन धर्म 106 | 21/09177 बुध ला241 सु८ 106 - 107 | 22 | 09 | 77 | usran सुह १० 108 - 109 | 23/09177 | माह सुह ११ ___109 | 24 | 09 | 77 |शनि २ सुह १२ | * ____ 110 | 25 | 09177 |RAMERA सुह १३ 23| 103 24 | 104 25| 105

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