Book Title: Vitrag Vani
Author(s): Kanjiswami
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 276
________________ शास्त्र : श्री समयसार CD NO: SS 14 क्र | गाथा नं श्लोक 214 146 215 216 216 147 217 217 ___148 नोंध तारीख SS वार तिथि बेटरी हिन्दी | अन्य 09/01/77 | 5518_287 | शव पोष १६४ 10/01/77 | ss18_288 | सोम पोष १६५ 11/01|77 SS18_289 भंग पोष 45 12 | 01|77 | SS18_290 | बुध पोष १६७ 13 | 01 | 77 | ss18_291 | २३ पौष १६८ 14 |01177 SS18_292 | શુક્ર પોષ વદ ૯ 11/04 173 SS17_365 | बुध क्षेत्र सु .] * 12 | 04 173 | 5517_366 | १३ क्षेत्र सुध १० 13 | 04 | 73 | ss17_367 | ** यत्र सु ११ | 14 104 1 73 | SS17_368 | शनि क्षेत्र सुह १२ 01/09179 | SS19_299 | शनि 24 सुध १० H| उत्तम संयम धर्म 02 | 09 | 79 | 5519_300 | २वि 24 सु ११ उत्तम तप धर्म 03/09179 | 5519_301 सोभ ला सुह १२ उत्तम त्याग धर्म 218-219 148-149 II III * 218-219 ___150 * 220-223 | 151 151-152 12 224-227 153 13 228 153-154 155 04 109179 | SS19_302 भंगगाहर सुह १३ उत्तम आकिंचन धर्म 156-158 16 17 229 18 229-231 19 232 - | - |- |- |- |- |- |- |- |- |-| 20 16 | 08 167 | 5515_309 | बुध श्राप सुह ११ 150-160 | 17 108 167 | SS15_310 | शु३ श्रावसु १३ 161 18108167 | 5515_311 | शु श्राप सु १४ 19 | 08 | 67 | S515_312 | शनि श्री सुह १५ 20 | 08167 | SS15_313 | २२ श्राप ११ 21108 167 | 5515_314 | सोम श्री १२ 22 | 08/67 | 5515_315 भंग व १६२ 23 | 08 167 | SS15_316 | बुध श्रीव १६ 3 24 | 0867 | SS15_317 | १३ श्राप १ ४ 25/08/67 | SS15_318 | शु श्रीव १६५ 162-163 | 26 | 08 | 67 | ss15_319 | शनि श्री १ | 233-234 235 236 236 236 162 14

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