Book Title: Vissthanakno Ras Author(s): Shravak Bhimsinh Manek, Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 3
________________ जुदा भव्य जीवोए मोक्षपद मेलव्युं बे. माटे दरेक जैन बंधुओ ने मारी विनंति वे के, आश्रमां आपेलां दृष्टांतो प्रमाणे वीसस्थानक आराधीने अमारा जैन बंधुओ पोतानो आ दुर्लन मनुष्य जन्म सफल करीने मोक्षपद मेलवशे. इत्यलं विस्तरे . भीमसिंह मागेक. Jain Educaweerational आ ग्रंथना गाउथी ग्राहको थइ आश्रय आपनार साहेबोना मुबारक नामो. नाम. नकल. हीरजी ७५ शेठ ठाकरसी तेजपाल २५ शेव शामजी खीमजी १३ शेव डुंगरसी १३ शेव लधा मालसी १३ शेव वरसंग देवसी Ա बाइ पुरवाई गाम. ( कोठारावाला ) (मंजल रेलमीया ) ( सुथरी ) ( नलीया ) रुपीया. १५० Այ २६ २६ २६ ( परजान ) ( ते शेव वरसंग देवसीना बेहेन ) १० For Personal and Private Use Only XXXXXXXXXXXX XXXXXXX www.rary.orgPage Navigation
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