Book Title: Visesavasyakabhasya Part 2
Author(s): Jinbhadrasuri, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 5
________________ मुद्रित ग्रन्थाः १. सप्तपदार्थी – शिवादित्यकृत, जिनवर्धनसूरिकृतटीका सह 2,5 CATALOGUE OF SANSKRIT AND PRAKRIT MANUSCRIPTS: MUNI SHRI PUNYAVIJAYAJI'S COLLECTION, PART I Rs. 50-00 PART 11 Rs. 40-0000 लालभाई दलपतभाई ग्रन्थमाला प्रधान संपादक दलसुख मालवणिया अंबालाल मे. शाह ३. काव्यशिक्षा - विनय चंद्रसूरिकृत ४. योगशतक - आचार्य हरिभद्रकृत स्वोपज्ञवृत्ति तथा ब्रह्मसिद्धान्तसमुच्चय सह ६. रत्नाकरावतारिका रत्नप्रभसूरिकृत, प्रथम भाग ७. गीतगोविन्दकाव्यम् - महाकविश्रीजयदेवविरचित, मानाङ्गटीका सह ८-०० ८. नेमिरंगरत्नाकर छंद कविलावण्यसमयकृत ५. १०. विशेषावश्यकभाष्य स्वोपज्ञवृत्ति सह प्रथम भाग 11. AKALANKA'S CRITICISM OF DHARMAKIRTI'S PHILOSOPHY: A STUDY DR. NAGIN SHAH १२. रत्नाकरावतारिकाद्यश्लोकशतार्थी - वाचक श्री माणिक्यगणि १३. शब्दानुशासन - आचार्य मलयगिरिविरचित 9. 12. 13. Jain Educationa International संप्रति मुयमाणग्रन्थनामावलि 00-8 महामात्य अम्बाप्रसादकृत THE NATYADARPANA OF RAMACANDRA AND GUNACANDRA A CRITICAL STUDY: Dr. K. H. Trivedi 30-00 १५-०० इ - उपाध्याय हर्षवर्धनकृत १०-०० १. कल्पलताविवेक - कल्पपलवशेष निघण्टुशेष - सवृत्तिक श्री हेमचन्द्रसूरि २. ३. रत्नाकरावतारिका भा० २ - रत्नप्रभसूरिकृत, टिप्पण-पत्रिका-गुर्जरानुवाद सह ४. नेमिनाहचरिउ - आ. हरिभद्रसूरि (द्वितीय) कृत ५. अध्यात्मविन्दु - स्वोपज्ञवृत्ति सह ६. न्यायमञ्जरीग्रन्थिभङ्ग - चक्रधर कृत ७. मदनरेखा आख्यायिका - जिनभद्रसूरिकृत S. ५-०० ८-०० ६-०० For Personal and Private Use Only 20-00 ८-०० ३०-०० YOGABINDU OF HARIBHADRA TEXT WITH ENGLISH TRANSLATION, EXPLANATION 10, 11. CATALOGUE OF SANSKRIT AND PRAKRIT MANUSCRIPTS, PART III. IV SOME ASPECTS OF RELIGION AND PHILOSOPHY OF INDIA DICTIONARY OF PRAKRIT PROPER NAMES YOGADRSTISAMUCCAYA OF HARIBHADRA TEXT WITH ENGLISH TRANSLATION, NOTES, Etc. www.jainelibrary.org

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