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होगा
बूडो-डूब गया
भावइचाहे, भले ही बेउन्हो
भासइ-कहता है बैसो बैठो
भीडीयउ-दुखित बोलाइ-डूबना
भुंइ=पृथ्वी बोहइबोध देते हैं
भंडी-बुरी ब्रजस्यइ-चलेगा, जायगा, वर्जित भेटा=भिडना, मिलाप
भेट्या=मिला
भोडलोबुद्धू , भोला भंजउ भांगो, भांगते हो, दूर करते हो भोलइ भूलकर भड-भट, योद्धा
भोलवी भूलाकर भणी-को भज्यउ भजन किया
मउज-सुख भरड़ाक-तुरन्त
मग-मूंग भलाव-संभालना
मच्छर=मात्सर्य भलेरी-अच्छी
मछरालोजोरावर भवियां भव्य जीवों का मछराला-गुमानी भमता भ्रमण करते
मटकार नेत्रों का सौम्य कटाक्ष भरेज्यो-भरना
मटकउवणाव भांगा-भेद
मण्ड्यउ छिड़ गया भाउम्भाव
मंडावै=(मकान) बनवाता है भणवा-पढ़ने के लिए
मल्हार=प्रिय भाणी-सुहाइ
मलपइप्रस्त, आनन्द करता भाणी पसन्द आइ
महियलमहीतल, पृथ्वी में भामणि=भामिनी, स्त्री
माज-इज्जत भारणि=भारी
माठी-बुरी, निकृष्ट भामणा वारणा लेना
माठो=जुरा भावठ-संकट
मांडिस्युं करूँगा
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