Book Title: Uttaradhyayanani Uttararddha
Author(s): Chirantanacharya, Kanchansagarsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 15
________________ उत्त० अव. २७ ४५ ५४ यत्किञ्चित् चित्रमय बे प्रतोनो गाथादिसमन्वय ॥१९॥ २६ १०६० अनं०] पाइयअज्झयणनाम | पं० भुवनविजय म०प्र० श्री पुन्यवि०म०प्रत संस्कृतनाम अ० गा० सलं० गा० । अन्त्यपत्र |अ०गा. अ०प्र० २४ समिइओ-पवयणमाया समित्यध्ययनम्-प्रवचनमात्रध्ययनम् १७ १३० ५२ जन्नइज्ज यज्ञीयमध्ययनम् १३५आ ४२ सामायारिज्ज-सामायारि सामाचारीयमध्ययनम् ५२ १०४३ १४२ ५७ खलु किज्ज खलुकीयमध्ययनम् १४४ अ १७ ५८अ मुक्खमग्गगई मोक्षमार्गगतिनामाध्ययनम् १०९६१४९ ३६ ६० सम्मत्तपरक्कम सम्यक्त्वपराक्रममध्ययनम् गा.१सू.१थी७६ १०९७(सू०८८)१७० आ ६७आ तवमग्गगइज्ज तपोमार्गगतीयमध्ययनम् ११३४ १७५अ ६९आ चरणविहि चरणविधीयमध्ययनम् १७८ ७० अ पमायठाण प्रमादस्थानमध्ययनम् १११ १२६६ १९४आ ७५ कम्मपयडी कर्मप्रकृतीयमध्ययनम् १९७आ ७६ लेसज्झयर्ण लेश्याध्ययनम् १३५२ २०५ ६१ ७९आ अणगारमग्गं अनगारमार्गमध्ययनम् २१ १३७३ २०८ २१ ८१अ जीवाजीवविभत्ति जीवाजीवविभक्तिनामाध्ययनम् २६७ प्रनि.३ १६४० २४० २६७ प्र.नि.३ २१ २१ mmmm १२९१ ९०आ ॥१९॥ Jain Education International For Privale & Personal use only www.jainelibrary.org

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