Book Title: Uttaradhyayanani Uttararddha
Author(s): Chirantanacharya, Kanchansagarsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 14
________________ उत्त० अव० म०नं०] पाइयअज्झयणनाम | पं० भुवनविजय म०प्रत संस्कृतनाम | श्री पुन्यवि०म०प्र० | अ० गा| सल० गा० । अन्त्यपत्र | अ० गा| अ०प्र० चितसंभूइज चित्रसंभूतीयमध्ययनम् ४४०६१ २४ उसुयारियं इषुकारीयमध्ययनम् ४९३६९ २७ भिक्खू-सभिक्खू भिक्षुकमध्ययनम् ५०९७१आ २८ आ बैभचेरसमाहिठाण ब्रह्मचर्यसमाधिस्थानमध्ययनम् २थी१२ सू०१२ ५२६ ७८ ३१ ॥१८॥ यत्किञ्चित् चित्रमय बे प्रतोनो गाथादि समन्वय ३२ ८१ ८७आ (प्र०१) ३५अ* ३९आ १९ पावसमणिज पापश्रमणीयमध्ययनम् संजइज्ज संयतीयमध्ययनम् मियापुत्तीयय मृगापुत्रीयमध्ययनम् २० महानियंठिज्ज महानिर्ग्रन्थीयमध्ययनम् समुद्दपालीयं समुद्रपालीकमध्ययनम् २२ रहनेमिज्ज रथनेमीयमध्ययनम् केसिंगोयमिज्ज केशिगौतमीयमध्ययनम् * રૂ મા પાના સુધી અવચેરી બરાબર છે. ६०० ६९८ ७५८ ७८२ ५९ १०७अ ११०आ ४४ आ ४७ अ ५१ ९२० १२७अ ॥१८॥ + Jain Education Intal For Privale & Personal use only www.jainelibrary.org

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