Book Title: Upasakdashanga Sutra
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Abhaydevsuri
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उपासकदशांग सानुवाद
७ सद्दालपुत्र अध्ययन
॥१५९॥
गिहाओ नीणेत्ता मम अग्गओ घाएत्तए, तं सेयं खलु ममं एवं पुरिसं गिण्हित्तए' तिकडु उद्धाइए जहा चुलणीपिया तहेव सव्वं भाणियब्वं, नवरं अग्गिभित्ता भारिया कोलाहलं सुणित्ता भणइ, सेसं जहा चुलणिपियावत्तब्वया, नवरं अरुणभूए विमाणे उववन्ने, जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिह । निक्खेवओ।
सत्तमस्स अङ्गस्स उवासगदसाणं सत्तमं अज्झयणं समत्तं । पेठे जाणवी. परन्तु ते ( सद्दालपुत्र ) काळ करी अरुणभूत विमानमां उत्पन्न थयो अने यावत् महाविदेह क्षेत्रमा सिद्धिपद पामशे. अहीं निक्षेप-उपसंहार कहेवो.
सातमा उपासकदशांगना सातमा अध्ययननो अनुवाद समाप्त.
॥१५९॥

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