Book Title: Upasakdashang Sutram
Author(s): Atmaramji Maharaj, Shiv Muni
Publisher: Aatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti

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Page 381
________________ थी। और साकेत (वर्तमान अयोध्या) से छ योजन थी। राप्ती का प्राचीन नाम अचिरवती या अजिरवती है। जैन सूत्रों में इसे इरावती कहा है। सहस्राम्रवन–प्रस्तुत सूत्र में सहस्राम्रवन का निर्देश दो स्थानों पर आया है। कुण्डकौलिक अध्ययन में काम्पिल्यपुर के साथ और सद्दालपुत्र अध्ययन में पोलासपुर के साथ / पाली साहित्य के अध्ययन से प्रतीत होता है कि सहस्राम्रवन आजीविकों का मुख्य केन्द्र था / प्रस्तुत सूत्र में भी उपरोक्त दोनों श्रावकों की मुख्य घटनाएं आजीविक सम्प्रदाय से सम्बन्ध रखती हैं। दोनों के धर्मानुष्ठान का वर्णन भी अशोक-वनिका में ही है। में जाकर इन् 38 मिट श्री उपासक दशांग सूत्रम् | 376 / परिशिष्ट

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