Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Vishayaanukram 02 Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 7
________________ आगम आगम-सूत्राणाम् प्रत-क्रमांक: एवं दीप-क्रमांक: आगम का नाम प्रत-अनुसार । दीप | आगम का नाम | कुल-सूत्र | कुल-गाथा | अनुक्रम | क्रम | दाप आगम प्रत-अनुसार दीप कुल-सूत्र | कल-गाथा अनुक्रम क्रम | ४१/२ ०२१ ३१ . गणिविज्जा ३२ . देवेन्द्रस्तव ३३ . मरणसमाधि ४०. आवश्यक ४१/१ | पिंडनियुक्ति ०८२ ०८२ ३०७ ३०७ ४२ ६६३ ६६४ ४३ ०२१ ०९२ ४४ ६७१ । ७१२ । ४५ . ओघनियुक्ति |. दशवैकालिक . उत्तराध्ययन . नन्दीसूत्र . अनुयोगदवार ०८८ ८१२ । ११६५ ५१५ ५४० १६४० १७३१ ०९० १६३ १४१ ovo ०५९ | १५२ । ३५० आगम-सूत्र ३४ से ३९ [छेदसूत्र-१ से ६] की वृत्ति को पूज्य आगमोद्धारकरीने संपादित नहीं किया, इसिलिए उन का समाविष्ट यहां नहि ~7Page Navigation
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