Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Vishayaanukram 02
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम संबंधी साहित्य
उपांग+प्रकीर्णकसूत्र-लघुबृहविषयानुक्रमौ
[ उपांगसूत्र-१ "औपपातिक] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
श्रीउपा. विषयानुक्रमे ॥१०॥
श्रीऔप० श्रीराजप्रश्नो
बृहद्: विषयानुक्रमः
देखीए
दीप
क्रमांक के लिए देखीए
यिकमावर्जीकरणं, अष्टसामयिकः समुद्घातः, औदारिकतन्मिश्रकार्मणयोगास्तत्र, निवृत्तानां त्रियोगिता,
पीठादिप्रत्यर्पणम् । ४३ सयोगानामसिद्धिः, योगनिरोधः,
गुणश्रेणिकर्मक्षपर्ण, सिद्धिः, सिद्वानां स्वरूपं, संहननसंस्थानायूषि, ईषत्पाग्भाराया वर्णनं, नामानि,
उपरितने गव्यूते स्थानम् । ११५ ९*-३०* सिद्धानां प्रतिघात-प्रतिष्ठा-तनु
त्यागसंस्थानावगाहनापरस्परस्पर्श
लक्षणसुखस्वरूपादि। ११९ । ॥ इत्यौपपातिकसूत्रबृद्विषयानुक्रमः ।।
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
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