Book Title: Upaang Prakirnak Sootra Vishayaanukram 02
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 11
________________ आगम संबंधी उपांग+प्रकीर्णकसूत्र-लघुबृहविषयानुक्रमौ [उपांगसूत्र-२ “राजप्रश्नीय"] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य) साहित्य प्रत [आगम-१३] उपांगसूत्र-२ “राजप्रश्नीय" सूत्राक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए श्रीराजप्रश्नीयोपांगे लघुविषयानु क्रमः सूत्राणि ८५ ५ आमलकरूपादिश्वेतनृपधारिणीसूर्याभ- | ४५ सौधर्मविमानपीठिकोपपातादिसभा- । तदृद्धिवर्णनम् १७ पूजनफलस्नानपूजादयः ११३ ११ वन्दनविचारमण्डलायादेशमण्डलक- |८५ प्रदेशिचरिततदास्तिकतादेवत्वपाप्ति रणयानविमानादिवर्णनम् ४५ विदेहमोक्षवर्णनम् १५० २६ धर्मकथानाट्यकूटागारदृष्टान्ताः ५९] इति राजप्रश्नीयोपाङ्गम्. 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~11~


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