Book Title: Trishashti Shalaka Purush Charita Mahakavyam_01
Author(s): Hemchandracharya, Charanvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 13
________________ " खं” (प्रास्ताविकेऽवलोकनीयम् ) Fenu सकलाद खतिवनमविष्टानविविधावियोशनमा प्रणिपानामांकतिष्टव्यमापनेनखिनमानी काव नाप्य कालवमन्निहितासमुपास्मादरियादिभरविवीनार्यमादिमंनिध्यरियहाँमादिमानावं घनस्वामिनंसुमश्रितमग्निी सविस्कमलाकरमाकरी मामाकमलादेवसिंकीरजगतंसाबांवधिवतयंजनाशमल्याउल्यानयमितामाछानाममायवाचा श्रामसवनगरपातापानेकालमानाधिममुलामनवमाध्यादमिक्ष्माननगवाननिनंदमछमकिरायाणीया आथवाजता हनवावालानगवानसमनिस्वामीनोसिमानियशवपापसंतोटिनामावशिवाचतरंगारिमधनकाया पत्र टापांधिवारदश्रीसुपारीजनंदायमाहंमतीदयोममधेनुर्वमिंघगगनातागतिलवईवनोदमगाव निवाया Vataलिलिमिनमाननिमानवशाय करा मलवहिवंकलयवाकवलथि या अवित्यमाहात्म्य नियविधि ३ान कर चाय सुचवानापरमानंदकंदोड्दिनबाबु म्याद दाननियंदांशीलपाडांचा निमः॥१२जब रामाननरमामंगदका माया माकलना रदवनिःनिःश्यमभीरमायासनश्रयामा विश्वामकारकीकृतनावककर्मनिम्मिीत मुरांमुरंनारे र (ज्याबामन्यामाघः॥४विमलस्वामिनोवस्यकतककोदोमादशमयभित्रिजगावाताजलानम्मयादतनकायकानु रमणम्यहाककुणारसवारिणाश्रमतजिदनंतोप्रयत्र सुखत्रिय16 कल्पहममधर्मायामियानाशारिणीयाधमाकाम धारधर्मनाबसुकास्मक सुधामोदरंवारज्यानांनिर्मलीहाशिमगंगेललानमःचरित्यशांतिनाथ जिनामुश्राऊंधुनाया नगवामनावानिशायदान सुरासुरमनायामाग्मकमाघांश्रियाएअरमाबामशगांधरिनतारवयरुषधि श्रीविला उपाध्याय सचिननाय॥२० सुरमरनराधानामधनयवारिकमाडिम्पल नानिममनिमनिमार म्मदामादामदाप्रसष्ममयों मनाया पमुनिमबननाम्यदिशामायवनंमलालनमत हिनिर्मलीकाकारणावारिधबाऽवनमामियादमरवाशायडवानमा शमसादरकर्मकांडमानानः श्ररिधान मिसँगवानंजयाहारिमाजानगश्वकमावधराणारयोग्याविनकर्मऊ बीनाचनामुल्यमा मामामामाश्रितः।पक्रमावशा विमान कयामंधरनारायाःदियदाध्यायोनाबारजिननेवाबासाहत्यानावतानाच MO . श्री महोदय प्रि. प्रेस-भावनगर.

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