Book Title: Tirthankar Vandana
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijayji Jain Pustakalay

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Page 10
________________ क्रम हुए शास्त्र * ॐ 3 ) महापद्म 24.4. किस भव से तीर्थंकर पूर्व भव के पूर्वभव के पढे नामकर्म उपार्जन किये गुरु वज्रनाभ चक्री वज्रसेन १४ पूर्व पढे विमल वाहन अरिदमन ११ पूर्व पढे विपुल वाहन संभ्रान्त (स्वयंप्रभ) महाबल विमल वाहन ११ पूर्व पढे अतिबल (पुरुषसिंह) सीमंधर (विनयनंदन) अपराजीत विहीता श्रव ११ पूर्व पढे नंदीषेण अरिदमन ११ पूर्व पढे पद्मराजा युगंधर जगन्नंद ११ पूर्व पढे पद्मोत्तर (पद्म) प्रिस्ताघ ११ पूर्व पढे नलिनीगुल्म वज्रदत्त ११ पूर्व पढे पद्मोत्तर वज्रनाभ ११ पूर्व पढे पद्मसेन ११ पूर्व पढे चित्ररथ ११ पूर्व पढे द्रढरथ विमलवाहन ११ पूर्व पढे मेघरथ धनरथ ११ पूर्व पढे सिंहावह संवराचार्य ११ पूर्व पढे धनपति संवर ११ पूर्व पढे महाबल वरधर्म ११ पूर्व पढे सुरश्रेष्ठ नंदन ११ पूर्व पढे सिद्धार्थ सुदर्शन ११ पूर्व पढे सुप्रतिष्ठ (शंखकुमार) श्रीषेण ११ पूर्व पढे आनंद (सुवर्णबाहु) जगन्नाथ तीर्थंकर (दामोदर) ११ पूर्व पढे नंदनऋषि पोट्टिलाचार्य ११ पूर्व पढे * * * * * * ३)* * * * * * * * सर्वगुप्त १४. पदार 2.2 MHM २४. * *

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