Book Title: Tirthankar Vandana
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijayji Jain Pustakalay

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Page 15
________________ १९ २० २१ क्रम प्रभ का गण | मानव मानव सर्प ३. ४. देव देव राक्षस 5 राक्षस ; ८. * राक्षस देव राक्षस मानव देव मानव १०. ११. राक्षस प्रभु की योनी ____ प्रभु का लांछन नकुल वृषभ (बैल) सर्प हस्ति (हाथी) अश्व (घोडो) मांजार (बिल्ली) वानर (बंदर) मूषक कोंच पक्षी महिष पद्म (कमल) व्याघ्र (मृग) स्वस्तिक व्याघ्र (मृग) चन्द्र वानर मगर मच्छ नकुल श्रीवत्स नकुल गेंडा अश्व पाडा (महिष) छात्र वराह (सुअर) हस्ति बाजपक्षी (सिंचाणो) छाग (बकरो) हस्ति मृग (हरिण) बकरो छाग (बकरो) हाथी नंदावर्त अश्व कुंभ (कलश) वानर कच्छप (काचबो) अश्व नीलकमल महिष शंख सर्प महिष सिंह * * * ** * * * मानव १४. १५. देव देव वज्र मानव १६. १७. मानव रास १९. देव २०. देव २१. देव कन्या २३. राक्षस २४. मानव * *** *** मृग * *

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