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क्रम
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प्रभु के नाम का अर्थ
प्रथम स्वप्न में माता के द्वारा वृषभ देखने के कारण । सोठ बाजी में माता ने राजा को जीत लिया
जन्म होने पर धरती पर काफी अनाज बढने लगा ।
गर्भरूप में भी हंमेशा इन्द्र ने जिनका अभिनंदन किया । न्याय देने में माता की बुद्धि संतुलित रही ।
मां को कमलपत्र की शय्या में सोने की इच्छा हुई ।
गर्भ में आने पर माता का शरीर सुंदर हो उठा ।
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गर्भ में आने पर मां ने धर्म का सुंदर व अधिक पालन किया । १६. पूरे देश में शांति स्थापित हो गई, उपद्रव शांत हो गये । स्वप्न में मां ने जमीन में रहे हुए रत्न स्तुप को देखा । स्वप्न में मांने महारत्न देखा ।
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मां के मन में चन्द्रकिरणों को पीने की इच्छा हुई ।
गर्भ में आने पर माँ ने विधि को भली भांति जाना ।
माता के कर स्पर्श से पिता का दाह ज्वर शांत हो गया ।
मां ने अपने आपको श्रेय करने वाली देव शय्या में सोये हुए देखा । पुत्र होने से वसु देवता द्वारा पूजित ।
वसुपूज्य
गर्भ में आने पर माता का शरीर एवं मन विमल (स्वच्छ) बन गया । गर्भ में आने पर मां ने अनंत मणियों की माला देखी ।
मां की इच्छा पुष्प मालाओं की शय्या पर सोने की हुई ।
गर्भ में आने पर मां को मुनि की तरह सुव्रत पालन की ईच्छा जगी गर्भ में आने पर विरोधियों के भी झुक जाने से । गर्भ के समय मां ने अरिष्ट रत्नमय चक्र देखा । माँ ने पास में जाते हुए काले सर्प को देखा । धन-धान्य, सुख-समृद्धि बढने के कारण ।
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