Book Title: Tirthankar Vandana
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijayji Jain Pustakalay

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Page 41
________________ ९२ क्रम विहरमान भ. के मेरु पर्वत १. सुदर्शन मेरु २. सुदर्शन मेरु ३. सुदर्शन मेरु ४. सुदर्शन मेरु ५. विजय मेरु ६. विजय मेरु ७. विजय मेरु ८. विजय मेरु ९. अचल मेरु १०. अचल मेरु ११. अचल मेरु १२. अचल मेरु १३. पुष्कर (मन्दर) १४. पुष्कर (मन्दर) १५. पुष्कर (मन्दर) १६. पुष्कर (मन्दर) १७. विद्युन्माली मेरु १८. विद्युन्माली मेरु १९. विद्युन्माली मेरु २०. विद्युन्माली मेरु ९३ विहरमान भ. के द्वीप एवं क्षेत्र का नाम जंबुद्वीप (पूर्व महाविदेह) जंबुद्वीप (पश्चिम महाविदेह) जंबुद्वीप (पूर्व महाविदेह) जंबुद्वीप (पश्चिम महाविदेह) घातकी खंड पूर्वार्ध (पूर्व महा) घातकी खंडपूर्वार्ध (पश्चिम महा) घातकी खंड पूर्वार्ध (पूर्व महा) घातकी खंड (पश्चिम महा) पश्चिम घातकी खंड (पूर्व महा) पश्चिम घातकी खंड (पश्चिम महा) पश्चिम घातकी खंड (पूर्व महा) पश्चिम घातकी खंड (पश्चिम महा) पूर्व पुष्करार्ध (पश्चिम महा) पूर्व पुष्करार्ध (पूर्व महा) पूर्व पुष्करार्ध (पश्चिम महा) पश्चिम पुष्करार्ध (पूर्व महा) पश्चिम पुष्करार्ध (पूर्व महा) पश्चिम पुष्करार्ध (पश्चिम महा) पश्चिम पुष्करार्ध (पूर्व महा) ३४ ९४ विरहमान भ. के विजया का नाम ८वी पुष्कलावती २५वी वप्रा ९ वच्छ (वत्स) २४ नलीनावती ८वी पुष्कलावती २५वी वप्रा ९वी वच्छ २४वी नलिनावती ८वी पुष्कलावती २५वी वप्रा ९ वी वच्छ २४वी नलिनवती ८वी पुष्कलावती २५वी वप्रा ९वी वच्छ २४वी नलिनवती ८वी पुष्कलावती २५वी वप्रा ९वी वच्छ २४वी नलिनवती

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