Book Title: Tattvagyan Mathi Author(s): Shrimad Rajchandra, Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram View full book textPage 7
________________ १२९ १२९ १३० १३२ १३२ १३३ पद्य विभाग - १ प्रथारम्भ २ नामिनादन नाथ ३ प्रमु प्राथना-जळहळ ज्याति स्वरूप ४ ससारमा मन बरे० ५ मुनिने प्रणाम ६ काळ कोईने नहि मूके ७ घम विप ८ सवमा य धर्म ९ भक्निो उपदेश १० ब्रह्मचय विषे सुभापित ११ सामाय मनोरथ १२ तृष्णानी विचित्रता १३ अमुल्य तत्त्व विचार १४ जिनेश्वरनी वाणी १५ पूणमालिका मगल १६ अनित्यादि भावना १७ सुखी सहेली हो १८ मिन्न मिन्न मत देखीएक १३७ १३९ १४१ १४२ १४३Page Navigation
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